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CAA आखिरकार लागू हुआ: 4 साल बाद नोटिफिकेशन जारी, 3 देशों से आए पीड़ित-जन अब भारतीय नागरिक बनेंगे

केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का यह बड़ा कदम है. तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर निकले हिंदू, सिख और बौद्ध अनुयायियों को अब भारतीय नागरिकता मिलेगी.

Hizb-ut-Tahrir

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

…आखिरकार कई सालों तक इंतजार करने के बाद देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आज सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह बड़ा कदम है. इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर निकले हिंदू, सिख और बौद्ध अनुयायियों को बरसों से इसका इंतजार था.

वर्ष 2019 में मोदी सरकार ने देश के नागरिकता कानून में नए प्रावधान कर उसे संशोधित किया था. जिसे 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया, तो ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (Citizenship Amendment Act/CAA) कहा गया. संसद में इसे पारित किए का विपक्षी दलों की ओर से विरोध किया गया. देश के कई हिस्सों में इस्लामिक संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किए जाने लगे. उत्तर प्रदेश, असम और केरल में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंसक विरोध किया. हालांकि, सरकार CAA को लागू करने को दृढ़ प्रतिज्ञ रही.

Citizenship Amendment Act CAA india

दिसंबर 2014 तक जो भारत आए उन्हें मिलेगा हक

नागरिकता कानून में जो संशोधन किए गए, उसके अनुसार, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले और उसके बाद पांच साल तक देश में रहने वाले हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. ये वे समुदाय हैं, जिन्‍हें तीन देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से निकलना पड़ा था, वहां गैर-मुस्लिमों पर अत्‍याचार होते थे. वे जैसे-तैसे भारत आए, अब सरकार उन्‍हें नागरिकता देगी.

Citizenship Amendment Act CAA india

जिन्हें नागरिकता चाहिए, वो ऐसे करें आवेदन

केंद्र सरकार ने CAA से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल पर हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिल जाएगा. खास बात यह है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए इन (विस्थापित) अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.

यह भी पढ़िए: CAA क्या है, यह किसलिए जरूरी है? देश में इसके विरोध में कौन? सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले क्यों किया लागू?

— भारत एक्सप्रेस



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