केदारनाथ धाम के खुले कपाट
Char Dham Yatra: देश के चार धामों में से प्रमुख केदारनाथ धाम के कपाट आज दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर के कपाट सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर पूरे विधि-विधान के साथ खोले गए है. जानकारी के मुताबिक मंदिर को सजाने में करीब 20 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया है. कपाट खुलने के अवसर पर पूरे मंदिर को फूलों से सजाया जाता है.
बता दें कि केदारनाथ में भारी बर्फबारी के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं. वहीं मिली जानकारी के अनुसार मंदिर परिसर में करीब 8 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं. इससे पहले सोमवार को बाबा की डोली ऊखीमठ से केदारनाथ लाई गई थी. कपाट खुलने के साथ ही अब अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे.
मौसम विभाग की ओर से 29 अप्रैल तक बर्फबारी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. जिसकी वजह से राज्य सरकार ने रविवार को केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तारीख तक के लिए बंद कर दिया. जबकि ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग सहित कई जगहों पर यात्रियों को फिलहाल वहीं ठहरने का निर्देश दिया गया है.
#WATCH उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। pic.twitter.com/4Z5lE4MPbJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2023
पांचवें ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता प्राप्त
समुद्र तल से 3 हजार 581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर को पांचवें ज्योतिर्लिंग के रूप में भी पूजा जाता है. मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे. इस भव्य मंदिर का निर्माण जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने 8वीं और 9वीं शताब्दी में करवाया था. तत्कालीन गढ़वाल नरेश ने मंदिर निर्माण की सारी व्यवस्था की.
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रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी
केदारनाथ धाम में रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और बारिश को देखते हुए श्रद्धालुओं से यात्रा शुरू करने से पहले राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है. भक्तों को केदारनाथ आने से पहले मौसम की जांच करने के लिए भी कहा गया है. इसके साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है. अक्षय तृतीय पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:35 पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:41 पर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. दोनों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई.