अमित शाह और राघव चड्ढा
Raghav Chadha: राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा की मुसीबत बढ़ सकती है. उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव में फर्जीवाड़ा किया है. गृह अमित शाह ने राज्यसभा में आरोप लगाया है कि राघव चड्ढा ने जो प्रस्ताव सदन में रखा था. उसमें 5 सांसदों के फर्जी तरीके से हस्ताक्षर लिए हैं. बता दें कि 7 अगस्त को राज्यसभा में यह बिल पास हो गया. इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. हालांकि आप पार्टी की तरफ से कहा गया है कि वे भलें ही सदन में लड़ाई हार गए हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
वहीं इन आरोपों पर राघव चड्ढा ने सिरे ने खारिज करते हुए कहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव पर दस्तखत की जरूरत ही नहीं होती और यह नियम है.
क्या था पूरा मामला ?
राज्यसभा में जब दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा खत्म हुई तो उसके बाद उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित कराने के लिए विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए अमेंडमेंट को रखवाना शुरू किया. इसके बाद आप सांसद ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भी प्रस्तव सदन में रखा. हालांकि वह प्रस्ताव तभी गिर गया था. इसमें समिति सदस्यों के नाम भी थे. इस प्रस्तव 5 पांच सांसदों के नाम थे. जिस पर अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि दो सदस्यों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए. प्रस्ताव पर उन सदस्यों के हस्ताक्षर भी नहीं है. वहीं उपसभापति ने भी कहा कि इसकी चार सांसदों ने शिकायत तो मुझसे भी की है.
गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि, “यह जांच का विषय है. बात अब सिर्फ दिल्ली के फर्जीपन की नहीं है बल्कि, सदन के अंदर फर्जीपन की है. यह विशेषाधिकार का उल्लंघन है. यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाना चाहिए.
प्रस्ताव में इन पांच सांसदों के नाम
दिल्ली सेवा बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने वाले प्रस्ताव में नरहनि अमीन (भाजपा), सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा), फांगनोन कोन्यक (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल) और के. थांबिदुराई (AIADMK) शामिल हैं.
– भारत एक्सप्रेस