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Omkareshwarm: मध्यप्रदेश के शिव की नगरी ओंकारेश्वर में गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण संपन्न हो गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने वैदिक विद्वानों के साथ अनुष्ठान किया. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह और बड़ी संख्या में साधु संत मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज द्वारा एकात्म धाम या अद्वैत लोक की आधारशिला रखी गई. शिवनगरी में शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के दौरान भव्य नजारा देखने को मिला. ओंकारेश्वर ॐ नमः शिवाय से गूंज रहा था. देश के अलग अलग राज्यों से बुलाए गए कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी.
सिर्फ इतना ही नहीं शंकराचार्य की प्रतिमा पर समर्पित करने के लिए श्रंगेरी से 112 फीट की रूद्राक्ष माला लाई गई है. इस मौके पर शिवराज ने कहा कि सही समय पर इस को शंकराचार्य की प्रतिमा पर चढ़ाया जाएगा.
सीएम चौहान ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य जी महाराज ने सांस्कृतिक रूप से देश को जोड़ने का कार्य किया. उन्होंने ने कहा आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली केरल थी, लेकन उन्होंने जंगलों, पहाड़ों से यात्रा करते हुए ओंकारेश्वर में ज्ञान प्राप्त किय. यहां से ज्ञान प्राप्त कर वे काशी की ओर आगे बढ़े. उनके अद्वैत वेदांत के कारण भारत एक है. आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में चार मठों की स्थापना की. स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, तुलसी दास और कबीर दास जी सहित प्रमुख संतों ने आदि गुरू शंकराचार्य के अद्वैत ज्ञान को अपनाया है. आने वाली पीढ़ियों को भी अद्वैत ज्ञान मिलता रहे, इसी उद्देश्य से उनकी स्मृति में एकात्म धाम बनाया जा रहा है.
सीएम शिवराज ने खंडवा जिले के ओंकारेश्व कार्यक्रम में पहुंच NHDC विश्राम गृह परिसर में पौधारोपण किया. यहां उनका पारम्परिक केरल तरीके से स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण, हवन और ॐ नमः शिवाय के गूंज सुनाई दे रही थी. यहां देशभर से साधु संत एकत्र हुए थे. शंकाराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के बाद पूरे प्रदेश भक्तिमय हो गया है.
आज मध्यप्रदेश की पावन धरा ओंकारेश्वर में सनातन और सांकृति की अदभुद झलक देखने को मिल रही थी, देशभर के प्रमुख संत एकात्मता की मूर्ति अनावरण और एकात्म धाम के शिलान्यास पल के प्रत्यक्ष साक्षी बनें. साधु संतों और पूज्य अवधेशानंद जी महाराज की उपस्थिति में प्रतिमा अनावरण का दिव्य कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भक्ति भाव से परिपूर्ण नज़र आए. उन्होंने सभी साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया और आदि गुरु शंकराचार्य को साष्टांग दण्डवत होकर प्रणाम किया. आज ओम्कारेश्वर की भूमि में जैसे समूची धरा को शिवत्व भाव में समेटे हुए परिदृश्य दृश्यमान था
ओंकारेश्वर में प्रतिमा अनावरण के मौके पर भारत के 6 शास्त्रीय नृत्य- भरतनाट्यम, कथक, छाऊ, ओडिसी, मोहिनीअट्टम और मणिपुरी नृत्य से शिव की अभिव्यक्तियों को अपनी अनूठी शैली में प्रस्तुत की गईं. शंकर संगीत में श्रेष्ठ संगीतकार, हिन्दुस्तानी संगीत एवं कर्नाटक संगीत शैली में आचार्य शंकर द्वारा विरचित स्त्रोतों का गायन किया गया. इनमें पण्डित संजीव अभ्यंकर (हिन्दुस्तानी संगीत), पण्डित जयतीर्थ मेवुण्डी (हिन्दुस्तानी संगीत), सुधा रघुरामन (कर्नाटक संगीत) और मामलम बहनें (कर्नाटक संगीत) द्वारा प्रस्तुतियां दी गई.
कार्यक्रम में सिद्धवरकूट पर “बह्मोत्सव” का आयोजन किया गया ,शंकर संगीत के साथ वेदोच्चार एवं शिवोहम-आचार्य शंकर के स्तोत्रों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति दी गईं. इस अवसर पर न्यास द्वारा प्रकाशित एकात्म धाम ताथ अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया गया तो वहीं ‘एकात्मता की यात्रा’ फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ.
प्रमुख संतों एवं मठों द्वारा “बह्मोत्सव में लाइव शुभकामना संदेश भी दिए गए जिनमें परमपूज्य स्वामी विधुशेखर सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरू शंकराचार्य, शारदापीठ, श्रंगेरी, परमपूज्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरू शंकराचार्य, शारदापीठ द्वारिका, परमपूज्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरू शंकराचार्य, कांची कामकोटि पीठ, कांचीपुरम् ने लाइव शुभकामना संदेश दिए.
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