अंकित सक्सेना को दिल्ली में मार डाला गया था। वह एक मुस्लिम युवती से प्रेम करता था।
Ankit Saxena Murder Case Delhi: पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में हुए अंकित सक्सेना हत्या मामले में अदालत ने तीन दोषियों को सजा के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा के समक्ष सरकारी पक्ष ने अदालत से दोषियों के कृत्य को देखते हुए उन्हें अपराध में अधिकतम सजा मृत्यु दंड देने का आग्रह किया। सरकारी वकील ने कहा कि दोषियों ने फरवरी 2018 में दिन-दहाड़े इस हत्याकांड को अंजाम दिया था, ऐसे में वे नरमी के हकदार नहीं है।
इस मामले में बचाव पक्ष ने अदालत से दोषियों के प्रति रहम पूर्ण रवैया अपनाने का आग्रह किया। पिछले साल 23 दिसंबर को अकबर अली, शहनाज़ बेगम और मोहम्मद सलीम को दोषी ठहराया था। इसके बाद अदालत ने पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने के लिए डीएलएसए को पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट संकलित करने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
यह फोटो उस मुस्लिम युवती की है, जो अकिंत शर्मा से प्रेम करती थी। दोनों एक-दूजे संग जीना चाहते थे।
दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने 17 फरवरी को अंकित सक्सेना की हत्या के संबंध में पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत की। अंकित की मां उसके पिता के निधन के बाद परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य हैं, यह रिपोर्ट मुआवजे के आकलन के लिए महत्वपूर्ण है।
2018 में जांच के दौरान पता चला कि अपराध को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि अंकित की प्रेमिका के माता-पिता और मामा थे, जिन्होंने अंकित के अंतरधार्मिक रिश्ते का विरोध किया था। दोषियों के खिलाफ आरोपों में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) शामिल हैं। इसके अलावा, शाहनाज़ बेगम को स्वेच्छा से चोट पहुँचाने का भी दोषी ठहराया गया है।
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