प्रदूषण के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने बनाया मेगाप्लान
Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने एक मेगाप्लान तैयार किया है. दिल्ली सरकार पॉल्यूशन को कम करने के लिए कत्रिम बारिश कराने वाली है. इसके लिए सीएम केजरीवाल ने मुख्य सचिव को आदेश दिए है. इस आदेश में 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखने को कहा गया है. इसके साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार इसके लिए करोड़ो रुपये का खर्च उठाने को तैयार है. अगर केंद्र सरकार मदद करे तो दिल्ली में कत्रिम बारिश कराई जा सकती है.
दिल्ली सरकार ने 20 और 21 नवंबर को आर्टिफिशियल बारिश कराने का प्लान तैयार किया है. इसके लिए सरकार ने पहले पायलट स्टडी कराने का फैसला किया है, जिसमें करोड़ो रुपये का खर्च आएगा.
मुख्य सचिव को दिए निर्देश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मुख्य सचिव को साफ निर्देश दिए हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में केंद्र सरकार और यूपी सरकार से 15 नवंबर तक जरुरी मंजूरी देने को कहे ताकि कत्रिम बारिश के पहले चरण की स्टडी हो सके. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर से भी कृत्रिम बारिश कराने के लिए कॉन्टेक्ट किया है.
किस तरह कराई जा सकती है कृत्रिम बारिश
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि उन्होंने आईआईटी कानपुर से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल बारिश के लिए कम से कम 40 प्रतिशत बादलों की जरुरत होगी. अगर इतने बादल हुए बारिश कराई जा सकती है. वहीं आईआईटी कानपुर ने अनुमान जताया है कि दिल्ली में 20 से 21 नंवबर को बादल रहने के आसार हैं. ऐसे में कृत्रिम बारिश की संभावना हो सकती है.
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आईआईटी कानपुर ने पेश किया प्रस्ताव
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है, ”प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की संभावना को लेकर आज आईआईटी कानपुर की टीम के साथ बैठक हुई. उस बैठक में सबसे पहले आईआईटी कानपुर ने यह प्रस्ताव पेश किया. आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कल वे सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजेंगे. अगर कल हमें उनका प्रस्ताव मिलता है तो हम इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे. उनका (आईआईटी कानपुर) अनुमान है कि 20 को बादल छा सकते हैं. अगर 20-21 नवंबर को बादल छाए रहेंगे और सभी अनुमतियां मिल जाएंगी तो पायलट को फांसी दी जा सकती है। उस दिन.