सांंकेतिक फोटो
Delhi Riots Case Judgement: दिल्ली दंगे के दौरान गोगुलपुरी थाना क्षेत्र के कई मिठाई की दुकानों में आग लगाने एवं घरों में तोड़फोड़ करने के मामले में अदालत ने 11 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया है, लेकिन एक व्यक्ति मोहम्मद शाहनवाज को इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उसके खिलाफ हत्या, दंगा व गैर कानूनी रूप से सभा करने को लेकर आरोप तय किया है।
दिल्ली दंगे के दौरान आगजनी में एक 22 वर्षीय वेटर दिलबर नेगी की मौत हो गई थी, जो अनिल स्वीट कार्नर में काम करता था। इसको लेकर गोकुलपुरी थाने में एफआईआर 39/2020 दर्ज की गई थी। गवाहों के बयान के अनुसार, दंगा के दौरान दंगाईयों ने धरों व दुकानों पर पथराव भी किया था और हिंदू विरोधी नारे लगाए थे। वे उस दौरान एक इमारत में भी घुस गए और नेगी को मार डाला था, जो वहां छिपा हुआ था। उसके शरीर को बिल्डिंग सहित जला दिया गया था।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने 11 लोगों को आरोपमुक्त करने के मुद्दे पर कहा कि उनके अलग-अलग समय में दंगाई भीड़ का हिस्सा होने से यह साबित नहीं हो जाता कि वे ही नेगी के मौत के जिम्मेवार हैं। उन्होंने एक व्यक्ति शाहनवाज के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि उसके खिलाफ दंगाई भीड़ का हिस्सा होने व हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के सबूत हैं। इस आधार पर उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 153ए, 302, 436, 450, 149 और 188 के तहत आरोप तय किए जा रहे हैं।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामले की जांच स्थानीय पुलिस ने की थी और फिर बाद में आगे की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को स्थानांतरित कर दिया गया था। जांच के दौरान 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ 4 जून, 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
— भारत एक्सप्रेस