हापुड़ में प्राइवेट बस पर लटकते हुए बच्चे
UP News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्कूली बच्चों का अपनी जान जोखिम में डालकर वापस घर जाने का एक वीडियो सामने आया है. यह भयाभह वीडियो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि आखिर इन बच्चों की तरफ किसी का ध्यान क्यों नहीं जा रहा. न स्कूल प्रशासन, न बच्चों के परिजन और न ही सरकार, किसी का भी नहीं. पता नहीं यह बच्चे कब से इस तरह स्कूल से वापस घर लौट रहे हैं. दरअसल यह वीडियो हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र का है. यहां एक प्राइवेट बस में स्कूल के बच्चे बुरी से घुसे हुए हैं. जब बच्चों को अंदर जगह नहीं मिली तो वह बस के ऊपर और पीछे लेगी सीढ़ी पर लटके हुए नजर आ रहे हैं.
यहां बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र में स्याना रोड पर एक प्राइवेट बस में स्कूली बच्चे इस कदर भरे हुए हैं कि उन्हें अपनी जान तक की परवाह नहीं है. वीडियो के सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
बस की पीछे लगी सीढ़ी पर लटके कई छात्र
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक बस में कई स्कली बच्चे सवार हैं और वह अपनी जान जोखिम में डालकर वापस अपने घर लौट रहे हैं. प्राइवेट बस में स्कूली बच्चे इस कदर भरे हुए हैं कि उन्हें अपनी जान तक की परवाह नहीं है. इन स्कूली बच्चों को जब बस के अंदर जगह नहीं मिली, तो यह बच्चे ना सिर्फ बस की छत पर सवार हो गए, बल्कि बस के पीछे और खिड़कियों से भी लटके हुए दिखाई दे रहे हैं.
स्कूली बच्चों के इस सफर को अगर मौत का सफर कहा जाए, तो इसमें भी कोई गुरेज नहीं है. बेतरतीब तरीके से स्कूली बच्चों से भरी हुई इस बस को बस का चालक भी सिंगल रोड पर अंधाधुंध तरीके से चला रहा है. जिसका वीडियो पीछे चल रही किसी वाहन सवार के द्वारा बना लिया गया और उसे वायरल कर दिया गया.
#UttarPradesh : हापुड़ में यातायात के नियमों की उड़ रही धज्जियां, बस के अंदर जगह न मिलने पर कुछ स्कूल के बच्चे बस की छत पर बैठे हैं तो कुछ दरवाजे पर लटक कर यात्रा करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है.#UPNews #Hapur #SchoolStudents… pic.twitter.com/ktH8hMw7bQ
— Bharat Express (@BhaaratExpress) July 27, 2023
ट्रैफिक नियमों का नहीं हो रहा पालन
आपको बता दें कि हापुड़ में सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है और यातायात के नियमों का पालन कराने का जिम्मा हापुड़ की पुलिस पर है, लेकिन वायरल इस वीडियो को देखकर आप समझ सकते हैं की सड़क सुरक्षा सप्ताह का हकीकत में कितना पालन हो रहा है या फिर यह कहें की सड़क पर चलने वाले इस सड़क सुरक्षा सप्ताह की महज कागजों में ही अपनी खानापूर्ति की जा रही है.