पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (फोटो ट्विटर)
Old Pension Scheme: देश के कई राज्यों में फिर से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की गई है. कई राज्यों में इसको मंजूरी भी मिल गई है तो कई राज्यों में प्रक्रिया जारी है. अब पुरानी पेंशन योजना को लेकर आरबीआई (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (D Subbarao) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से शुरू करने का कुछ राज्यों का फैसला पीछे जाने वाला एक कदम होगा.
ओल्ड पेंशन योजना के लागू होने से आम जनता के पैसे का लाभ सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. साथ ही इसका कुछ राज्यों पर गलत असर पड़ेगा.
सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा
पूर्व गवर्नर सुब्बाराव का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से आम आदमी की कमाई का कुछ हिस्सा सरकारी कर्मचारियों के पास चला जाएगा. जबकि ज्यादातर जनता के पास कोई विशेष सामाजिक सुरक्षा नहीं है. इसका मतलब है कि टैक्स के पैसे से पुरानी पेंशन योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा.
क्या है OPS और NPS का मतलब ?
आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलती है. एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अपने अंतिम वेतन का 50 फीसदी राशि पाने का हकदार है. वहीं, नई पेंशन योजना (NPS) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी पेंशन के लिए योगदान करते हैं, जबकि सरकार इसका 14 प्रतिशत हिस्सा देती है. ओपीएस को एनडीए (NDA) सरकार ने एक अप्रैल 2004 से बंद कर दिया था.
सुब्बाराव के मुताबिक, पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी तो देश के खजाने पर दबाव पड़ेगा. जबकि नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपनी सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा कंट्रीब्यूट करते हैं, वहीं सरकार इसमें 14 फीसदी का योगदान देती है.
तीन राज्यों के सरकारों ने OPS शुरू करने का किया है फैसला
बता दें कि देश के तीन राज्यों की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए OPS को फिर से लागू करने का फैसला किया है. जिसमें कांग्रेस शासित प्रदेश (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड) शामिल हैं. उन्होंने इस बारे में केंद्र सरकार और पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को जानकारी दी है. इसके अलावा पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश ने भी ओपीएस पर लौटने के लिए कदम बढ़ाया है.