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PM Modi in Ayodhya: श्री राम नगरी अयोध्या में पुर्नस्थापित राम जन्मभूमि के गर्भगृह में आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधु-संतों की अगुवाई में अनुष्ठान संपन्न कराया. इसके बाद उन्होंने आमजन को संबोधित किया. संबोधन शुरू करते हुए PM मोदी बोले- “सियावर रामचंद्र की जय… आज हमारे राम आ गए हैं.”
PM मोदी ने भगवान का जयकारा लगाया. उन्होंने कहा- “इस शुभ घड़ी की आप सभी और समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई. मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूं. कितना कुछ कहने को है, लेकिन कंठ अवरुद्ध है.”
PM मोदी ने कहा, “हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. यह क्षण अलौकिक है… यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है.”
PM मोदी ने कहा, “आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे. और, ये कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं.
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PM मोदी ने कहा, “मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गयी होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य नहीं कर पाए. आज वो कमी पूरी हुई है. मुझे विश्वास है, प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे.”
PM मोदी ने कहा, “प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया. उस कालखंड में वो वियोग तो केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था. इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है. हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है.”
PM मोदी ने कहा, “संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली. मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली. न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना. हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है.”
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वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी.
ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए.
रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है.
हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है.
– भारत एक्सप्रेस
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