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Supreme Court

Baba Ramdev और Acharya Balkrishna अपनी कंपनी Patanjali Ayurved के औषधीय उत्पादों के असर के बारे में विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं, जिसके खिलाफ एलोपैथी डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने Supreme Court में याचिका दायर ​की है.

केजरीवाल ने स्पेशल लीव पिटीशन दायर करके मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तत्काल सुनने से इंकार कर दिया था.

Bail to Undertrial Prisoners: विभिन्न हाईकोर्ट ने कहा, जमानत देने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का अनुपालन जिला एवं अधीनस्थ अदालतों द्वारा कराया जा रहा है.

बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण ने अपने औषधीय उत्पादों के असर के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ‘बिना शर्त माफी’ मांगी है. हालांकि अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया है.

Gautam Navlakha: एल्गार परिषद-माओवादी मामले में गिरफ्तार हुए एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. 

सीएए कानून को रोकने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने याचिका लगाई है. सीएए के खिलाफ कुल 237 याचिकाएं दायर की गई हैं. इनमें से 20 में कानून पर रोक की मांग की गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को इस आधार पर ‘असंवैधानिक’ घोषित कर दिया था कि यह ‘धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत’ के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोर्ट से अपने आचरण के लिए माफी मांगी. हालांकि कोर्ट दोनों को कड़ी फटकार लगाई.

याचिका में कहा गया है कि यह देखते हुए कि VVPAT और EVM के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा कई सवाल उठाए जा रहे हैं और अतीत में ईवीएम और वीवीपैट वोटों की गिनती के बीच विसंगतियां सामने आई हैं, यह जरूरी है कि सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाए.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों न पतंजलि और इसके एमडी के खिलाफ अवमानना केस चलाया जाए. केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले में एक नया हलफनामा दाखिल करेगी.