ESIC Scheme: ESI योजना कम आय वाले लोगों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा चलाई जाती है. इसके तहत कर्मचारियों और उस पर निर्भर लोगों को ईएसआई कार्ड जारी किया जाता है. ईएसआई कार्ड के आधार पर कर्मचारी ईएसआई अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकता है.
देश में 150 से ज्यादा ईएसआईसी अस्पताल हैं, यहां हर तरह की बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. ईएसआईसी का लाभ 21 हजार या उससे कम आय वाले कर्मचारियों को मिलता है. शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 25000 रुपये प्रति माह है.
ईएसआईसी प्रीमियम के भुगतान के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों द्वारा योगदान दिया जाता है. इसमें कर्मचारी की ओर से वेतन का 1.75 प्रतिशत और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी के वेतन का 4.75 प्रतिशत योगदान देने का प्रावधान है. आइए जानते हैं इससे होने वाले पांच फायदों के बारे में…
ईएसआई के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को मुफ्त इलाज मिलता है. इसमें बीमाधारक के अलावा उस पर आश्रित परिवार के अन्य सदस्यों को भी नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया जाता है. इसके तहत इलाज के खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. हालांकि, मेडिकल इंश्योरेंस में ऐसा नहीं है.
ये भी पढ़ें- UP Politics: मिशन 2024 से पहले सपा ने तैयार की रणनीति, जातिगत जनगणना की मांग को लेकर शुरू करेगी अभियान
सेवानिवृत्त कर्मचारी और स्थायी रूप से विकलांग बीमित व्यक्ति, उसके पति या पत्नी को 120 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम पर चिकित्सा सुविधा मिलती है. इसमें बीमार छुट्टी के लिए बीमाधारक को 91 दिनों का नकद भुगतान किया जाता है. मातृत्व अवकाश ईएसआई के माध्यम से भी मिलता है. इसके तहत महिला कर्मचारी को प्रसव के दौरान 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश और गर्भपात की स्थिति में छह सप्ताह तक औसत वेतन का 100 प्रतिशत भुगतान किया जाता है.
रोजगार के दौरान बीमाधारक की मृत्यु होने की स्थिति में उसके अंतिम संस्कार के लिए ESIC द्वारा अधिकतम 10,000 रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा आश्रितों को निर्धारित अनुपात में मासिक पेंशन दी जाती है. पेंशन के तीन हिस्से होते हैं. किसी भी कारण से अस्थाई अपंगता की स्थिति में बीमित व्यक्ति को उसके स्वस्थ होने तक तथा स्थायी अपंगता की स्थिति में आजीवन मासिक पेंशन दी जाती है. आश्रितों को सेवानिवृत्ति के बाद बेरोजगारी भत्ता, पेंशन, मुफ्त इलाज मिलता है.