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जानिए Tata Trust के चेयरमैन बने Noel Tata कौन हैं, Ratan Tata से क्या है संबंध

Noel Tata Profile : नोएल अभी टाटा स्टील और घड़ी कंपनी टाइटन के वाइस चेयरमैन हैं. रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान अब उनको सौंपी गई है.

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नोएल टाटा और रतन टाटा. (File Photo)

New Chairman of Tata Trust: रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौंपी गई है. ‘टाटा ट्रस्ट’ टाटा ग्रुप का सबसे बड़ा स्टेक होल्डर है. मुंबई में आज हुई एक मीटिंग में ‘टाटा ट्रस्ट’ के चेयरमैन के रूप में नोएल के नाम पर सहमति बनी है.

नोएल अभी टाटा स्टील और घड़ी कंपनी टाइटन के वाइस चेयरमैन हैं. उनकी मां सिमोन टाटा, एक फ्रांसीसी-स्विस कैथोलिक हैं जो रतन टाटा की सौतेली मां हैं. वर्तमान में सिमोन टाटा ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन और टाटा इंटरनेशनल की चेयरपर्सन हैं.

67 साल के नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और कई वर्षों से टाटा ट्रस्ट सहित टाटा ग्रुप से जुड़े हुए हैं.

नोएल टाटा अपनी लो-प्रॉफिट लीडरशिप स्टाइल के लिए जाने जाते हैं. वे रतन टाटा की तरह मीडिया से नहीं मिलते. रतन टाटा का बुधवार, 9 अक्टूबर की रात को मुंबई के एक अस्पताल में 86 साल की उम्र में निधन हो गया था. वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे और सरकार ने उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया था.


नोएल टाटा की प्रोफाइल | पत्नी और बच्चे

  • नोएल टाटा का जन्म 1957 में हुआ. उनकी पढ़ाई विदेश में हुई.
  • नोएल टाटा एक आयरिश नागरिक हैं. उन्होंने पलोनजी मिस्त्री की बेटी आलू मिस्त्री से शादी की थी.
  • नोएल के तीन बच्चे हैं. उनके बच्‍चों के नाम माया टाटा, नेविल टाटा और Leah Tata हैं.
  • नोएल टाटा के तीनों बच्चे भी टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं.
  • नोएल की 34 वर्षीय बेटी माया ने टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में प्रमुख पदों पर काम किया है.
  • नोएल टाटा के सभी बच्चे टाटा फैमिली से जुड़ी कुछ दान संस्थाओं के ट्रस्टी भी हैं.
  • नोएल की पत्नी आलू मिस्त्री दिवंगत पल्लोनजी मिस्त्री की बेटी और दिवंगत साइरस मिस्त्री की बहन हैं.

टाटा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे नोएल

बिजनेस एक्सपर्ट्स का कहना है कि नोएल अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार थे. वे पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं. अब जिस टाटा ट्रस्ट की कमान नोएल को मिली है, उसकी अहमियत और आकार को इस तरह समझा जा सकता है कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है.

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— भारत एक्सप्रेस

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