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अब 21 रिटायर्ड जजों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखा पत्र, दावा— न्यायपालिका को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा

21 रिटायर्ड जजों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राजनीति हितों और निजी फायदा से प्रेरित कुछ तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म कर रहे हैं. पिछले महीने 600 से ज्यादा वकीलों ने भी एक पत्र में ऐसी ही चिंता जताई थी.

CJI DY ChandraChud

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

Supreme Court News: न्यायपालिका पर एक गुट द्वारा दबाव बनाने का लगातार आरोप लगाया जा रहा है। अब 21 रिटायर्ड जजों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि एक गुट के द्वारा न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है और उसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले कई नामी गिरामी वकीलों ने भी सीजेआई को पत्र लिखकर इस तरीके का आरोप लगा चुके है।

पूर्व जजों ने अपने पत्र में कहा है कि न्यायपालिका को अनुचित दबाव से संरक्षित करने की जरूरत है। पत्र में कहा गया है कि राजनीति हितों और निजी फायदा से प्रेरित कुछ तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म कर रहे हैं। इस पत्र पर कुल 21 रिटायर्ड जजों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चार जज और हाइकोर्ट के 17 रिटायर्ड जज शामिल हैं। रिटायर्ड जस्टिस दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह सहित रिटायर्ड जजों पर अदालतों और जजों की ईमानदारी पर सवाल उठाकर न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है।

बता दें कि पिछले महीने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे सहित देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका पर सवाल उठाने को लेकर चिंता जाहिर की है। इस पत्र में लिखा कि एक ग्रुप न्यायिक फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहा है। यह खासकर राजनीतिक हस्तियों और भ्रष्टाचारों से जुड़े मामलों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। उनका तर्क है कि ये कार्रवाइयां लोकतांत्रिक ढांचे और न्यायिक प्रक्रियाओं में रखे गए भरोसे के लिए खतरा पैदा करती है।

— भारत एक्सप्रेस

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