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IIT बॉम्बे में हमास के आतंकियों का समर्थन, स्वतंत्रता सेनानियों से तुलना, छात्रों ने प्रोफेसर की पुलिस से की शिकायत

IIT Bombay: आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने आरोप लगाया कि गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी की जमकर तारीफ की है.

IIT बॉम्बे में हमास के आतंकियों का समर्थन

Israel-Hamas war: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे में कथित तौर पर हमास को समर्थन करने का मामला सामने आया है. वहां छात्रों ने एक प्रोफेसर और एक गेस्ट स्पीकर की शिकायत पुलिस से की है. छात्रों का कहना है कि यहां लेक्चर के दौरान माहौल को खराब किया जा रहा है. यहां फिलिस्तिनी आतंकियों के समर्थन में बातें कही जा रही हैं. छात्रों ने ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस (HSS) विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

बता दें कि इजरायल हमास के युद्ध पर दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है. कुछ देश इजरायल के साथ हैं तो कुछ अरब देशों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है. वहीं अगर भारत की बात की जाए तो यहां भी दो खेमे बन गए हैं.

गलत जानकारियों से छात्र हो सकते हैं प्रेरित

आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक लेक्चर में ‘एचएस 835 परफॉर्मेंस थ्योरी एंड प्रैक्सिस’ के बहाने प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा द्वारा गलत जानकारियां दी गईं. उन्होंने कहा कि झूठी कहानियों के बहाने छात्रों को प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है. छात्रों ने पुलिस को लिखी गई शिकायत में कहा कि गेस्ट स्पीकर सुधाकर पांडे (एक कट्टरपंथी वामपंथी) को अपने पाठ्यक्रम कार्य एचएस 835 के हिस्से के रूप में आमंत्रित करने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि गेस्ट स्पीकर सुधन्वा देशपांडे ने फिलिस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी की जमकर तारीफ की है. इससे आईआईटी बॉम्बे की शिक्षा और सुरक्षा पर गलत परिणाम पड़ सकते हैं.

‘फिलिस्तीनी संघर्ष एक स्वतंत्रता संग्राम है’

छात्रों की शिकायत में बताया गया कि देशपांडे ने कहा कि फिलिस्तीनी संघर्ष एक स्वतंत्रता संग्राम है और उपनिवेशवाद के इतिहास में ऐसा कोई संघर्ष नहीं हुआ है जो बिल्कुल अहिंसक था. कभी नहीं! भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पूरी तरह से अहिंसक नहीं था. आईआईटी बॉम्बे छात्रों ने इस बात परेशान को पुलिस में शिकायत की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के लेक्चर से छात्रों में गलत प्रभाव पड़ सकता है.

– भारत एक्सप्रेस



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