पहलवान बजरंग पूनिया (फोटो फाइल)
WFI Row: खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की मान्यता रद्द किए जाए पर पहलवान बजरंग पूनिया का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने साफ कहा कि न्याय मिलने तक मैं अपनी पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लूंगा. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि ”मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा. न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा.” उन्होंने कहा, ”कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है… हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए.” बता दें कि संजय सिंह को जब WFI अध्यक्ष चुना गया था उसके बाद से पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.
पहलवान बजपंग पूनिया ने बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को अध्यक्ष बनाने के बाद अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया था. उन्होंने पीएम मोदी से मिलकर अपना विरोध पत्र सौंपने की कोशिश की थी. हालांकि, पुलिसकर्मियों ने उन्हें दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रोक दिया था. इसके बाद बजरंग ने अपना पद्मश्री पदक फुटपाथ पर पत्र के ऊपर रख दिया था.
बजरंग पूनिया ने कही थी ये बात
वहीं पुरस्कार लौटाने के बाद बजरंग पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम बहन-बेटियों की लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन मैं उन्हें सम्मान नहीं दिला पाया. इसलिए मैंने यहां गेट पर अपना मेडल रख दिया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दे दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक पहुंचा दे.
एक्शन के बाद बृजभूषण ने दिया ये जवाब
वहीं WFI पर एक्शन के बाद बृजभूषण ने कहा कि- मैं कुश्ती से सन्यांस ले चुका हूं. अब मेरा कुश्ती संघ से कोई लेना देना नहीं है और न ही मेरा कोई संजय सिंह से रिश्ता है. सरकार के फैसले पर जो भी कदम उठाने होंगे, वो संस्था के चुने हुए लोग उठाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि- संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं. U-15 और U-20 आयोजित करने की घोषणा नंदिनी नगर में नागरिकों को यह सुनिश्चित करना था कि खेल आयोजन फिर से शुरू हों.
– भारत एक्सप्रेस
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