भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय।
BJP Vs TMC Politics: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में आईईडी विस्फोट की घटना के गुनहगारों तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. NIA ने हाल ही में दो मुख्य संदिग्धों को दबोच लिया, जिसके बाद तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया. NIA की कामयाबी को सत्ताधारी दल भाजपा की आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सराहा. मालवीय ने इस दौरान पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की आलोचना भी की.
अमित मालवीय ने X.com पर कहा- रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो हमलावरों मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा को NIA ने कोलकाता से पकड़ा है. वे दोनों संभवतः कर्नाटक के शिवमोग्गा में आईएसआईएस सेल से जुड़े हैं. यह दुर्भाग्य है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. जहां पुलिस उन्हें खोज नहीं पाती, पकड़ नहीं पाती.
NIA detains two chief suspects in the Rameshwaram Cafe blast, bomber Mussavir Hussain Shazib and accomplice Abdul Matheen Ahmed Taahaa, from Kolkata. Both likely belong to ISIS cell in Shivamogga, Karnataka.
West Bengal, unfortunately, under Mamata Banerjee, has become a safe…
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) April 12, 2024
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, हिरासत में लिए दो संदिग्धों मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन अहमद ताहा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में पेश करने के बाद 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया है. पता चला है कि NIA को उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण भी मिले हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कहा कि बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट के अपराधी और साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. विस्फोट मामले में दो प्रमुख भगोड़ों की पहचान अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़ेब के रूप में की गई, जिन्हें कोलकाता के पास उनके ठिकाने से दबोचा गया.
मुसाविर हुसैन शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) रखा था और अब्दुल मथीन ताहा विस्फोट की योजना बनाने, उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से बचने की योजना बनाने में माहिर था. एनआईए ने कहा कि शुक्रवार सुबह तड़के कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में हमारी टीम सफल रहीं, जहां वे गलत पहचान के तहत छिपे हुए थे.
बता दें कि 29 मार्च को एनआईए ने दोनों प्रमुख भगोड़ों में से प्रत्येक पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था.
— भारत एक्सप्रेस