सांकेतिक तस्वीर
Northeast Railway: पूर्वोत्तर के राज्यों में तेजी के साथ विकास की रफ्तार पर काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार वहां लगातार रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर कार्य कर रही है. इसके लिए अलग-अलग तरह के प्लान बनाए जा रहे हैं और उस पर काम किया जा रहा है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) सब्यसाची डे (Sabyasachi De) ने बताया कि, “उत्तर-पूर्व में बहुत जल्द अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय सीमा पार रेलवे कनेक्टिविटी होगी.”
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूर्वोत्तर के इलाकों में रेलवे कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने पहली बार 1.20 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. देश की सीमा के पास तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के रेलवे के प्रयास के बारे में उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि हमारा ध्यान फिलहाल भारत-चीन सीमा और म्यांमार पर है. इम्फाल-मोरेह लाइन को प्रारंभिक मंजूरी दे दी गई है.
‘देशभर में करीब 508 स्टेशनों की आधारशिला रखी’
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) के अधिकारी ने बताया कि, “हम पूर्वोत्तर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे लाइनें विकसित करने की योजना बना रहे हैं. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पीएम मोदी ने देशभर में करीब 508 स्टेशनों की आधारशिला रखी, जिनमें से करीब 56 स्टेशन पूर्वोत्तर में थे. स्टेशन विकास कार्यक्रम में 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है.” उन्होंने आगे कहा कि, “भारत और म्यांमार के बीच चल रहे कलादान मल्टीमॉडल परियोजना को जोड़ने के लिए सैरंग-हबिछुआ रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी गई है. वहीं, भूटान को जोड़ने वाली कोकराझार-गेलेफू रेलवे लाइन और बांग्लादेश के अखौरा तक जाने वाली रेलवे लाइन अगरतला-अखौरा रेलवे प्रोजेक्ट को जल्द ही चालू कर दिया जाएगा. उत्तर पूर्व में जल्द ही पहली अंतरराष्ट्रीय सीमा-पार रेलवे कनेक्टिविटी होगी.”