अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष एकजुट होने की कोशिश तो कर रहा है, लेकिन कुछ राज्यों में पूरी तरह के एकजुट होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. चुनाव में अब करीब 10 महीने का समय बचा हुआ है, लेकिन क्या पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस एक छतरी के नीचे आ पाएंगे इसके आसार अभी तो नहीं लग रहे हैं. सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने उन राज्यों में कांग्रेस को समर्थन देने की पेशकश की, जहां कांग्रेस मजबूत है, बशर्ते राज्य में कांग्रेस की तरह उनकी तृणमूल कांग्रेस को भी समर्थन मिले.
हालांकि, राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी तरफ से ममता की इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने में मुख्यमंत्री की अनिच्छा जतायी है और ये उनकी वास्तविक धारणा को बताता है.
कांग्रेस ने ममता के दावे को किया खारिज
ममता बनर्ज ने कहा “मैं शुरुआत से मैं कह रही थी कि संबंधित क्षेत्रों में ताकत रखने वाले दलों को वहां सीधे भाजपा का मुकाबला करना चाहिए. जैसे दिल्ली में आप, बिहार में राजद-जद-यू, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस. हमने कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए. यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम बंगाल में हमारा विरोध करेंगे”. हालांकि, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक में कांग्रेस को समर्थन देने के उनके दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
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चौधरी ने कहा, वह कर्नाटक में बीजेपी को वोट नहीं देने का नारा बुलंद करने का दावा कर रही हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की ? पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
कांग्रेस को लेकर नहीं दिया जवाब
शनिवार को कर्नाटक चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री ने एक ट्विटर संदेश के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को दिए अपने बयानों के माध्यम से कर्नाटक के लोगों को परिणामों के लिए बधाई दी. हालांकि जब मीडियाकर्मियों ने उनसे इस मामले में सवाल किया तब भी वह कांग्रेस को लेकर चुप रहीं.
– भारत एक्सप्रेस
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