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Odisha Train Accident: भाई के शव को ढूंढने के लिए बिहार से पहुंचा ओडिशा, कई अस्पतालों के काटे चक्कर…फिर अंतिम संस्कार से ठीक पहले बंगाल में मिली बॉडी

Odisha Train Accident: जैसे ही इस ट्रेन हादसे की खबर घर वालों को पता चली तो उन्होंने तुरंत निजी गाड़ी को बुक करके घटनास्थल पहुंचे. यहां उन्होंने कई अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन राजा का कोई पता नहीं चल रहा था.

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ओडिशा ट्रेन हादसे की तस्वीर

Balasore Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हो गयी थी. जिसके बाद कुछ शवों की पहचान होने में काफी दिक्कत हो रही है. ऐसा ही वाक्या ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले एक 22 साल के युवक के शव के साथ हुआ. इस शख्स का नाम राजा था भीषण हादसे की वजह से उसका शव क्षत-विक्षत हो गया था जिसके चलते शव की शिनाख्त में गलती हो गई और शव को मोतिहारी की बजाय पश्चिम बंगाल भेज दिया गया. हालांकि आखिर में उसके आधार कार्ड की वजह से पूरी सच्चाई सामने आयी और शव को सही हाथों में सौंप दिया गया.

एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स ने 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस से सफर कर रहा था. इस दौरान उसके साथ कुल 10 लोग थे जिसमें से 8 लोगों की जान बच गई, लेकिन उनको मामूली चोटें आयी हैं वहीं एक युवक की मौके पर मृत घोषित कर दिया गया. लेकिन उस समय राजा की कोई खबर नहीं मिली थी. ट्रेन पकड़ने से पहले राजा ने अपने भाई को घर आने की जानकारी दी थी.

800 किलोमीटर का सफर तय कर परिवार पहुंचा घटनास्थल

जैसे ही इस ट्रेन हादसे की खबर घर वालों को पता चली तो उन्होंने तुरंत निजी गाड़ी को बुक करके घटनास्थल पहुंचे. यहां उन्होंने कई अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन राजा का कोई पता नहीं चल रहा था. जानकारी के मुताबिक परिवार गरीब था और बेटे की तलाश के लिए लगातार वो इधर उधर भटक रहे थे. इस दौरान उनके पैसा भी खत्म हो रहा था वह 40 हजार रुएये की टैक्सी करने 800 किलोमीटर दूर पहुंचे थे. वहीं कई दिनों के बावजूद भी उनके बेटे का शव नहीं मिल रहा था. वे समय के साथ साथ उम्मीद हार रहे थे.

हाथ पर बने टैटू से हुई पहचान

राजा के भाई ने बताया कि “करीब तीन दिनों तक अलग-अलग अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद भी शव नहीं मिला. इसके बाद सभी ने घर लौटने का फैसला किया. घर पहुंचने के बाद सुभाष ने बिहार सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई लेकिन राजा की कोई खबर नहीं मिली. इसके बाद सुभाष फिर से एक बार कुछ और लोगों के साथ ओडिशा पहुंच जाता है. यहां वह भुवनेश्वर के अस्पताल पहुंचा. यहां शवों की शिनाख्त के लिए डिस्प्ले पर दिखाया जा रहा था. यहां सुभाष की की नजर एक शव पर पड़ी जिसके बाएं हाथ पर टैटू बना हुआ था. सुभाष ने जब अस्पताल वालों से संपर्क किया तो पता चला कि वो शव पहले ही परिवार वालों को हैंडओवर कर दिया गया है. जो कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

इसके सुभाष ने अधिकारियों से संपर्क किया और फिर जांच की कई तो पता कि शव के जेब से आधार कार्ड मिला तब जाकर शव की शिनाख्त हुई और अधिकारियों ने शव परिजनों के हवाले कर दिया.

– भारत एक्सप्रेस

 



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