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संसद सुरक्षा चूक मामले में विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी, अधीर रंजन चौधरी समेत कुल 31 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित

Lok Sabha suspends opposition members: विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए आज फिर 12 सांसदों को निलंबित कर दिया है.

विपक्ष के कुल 31 सांसद निलंबित

Parliament Winter session 2023: संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्ष दलों का विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्षी दल इसको लेकर लगातार गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे हैं. इसके चलते सोमवार को संसद की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ. इसके चलते आज फिर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और स्पीकर ने कार्रवाई करते हुए आज फिर 12 सांसदों को निलंबित कर दिया है. इसके चलते अब तक कुल 31 विपक्ष के सांसद लोकसभा से निलंबित हो चुके हैं. आज कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी लोकसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है.

अधीर रंजन के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, सौगत राय, प्रतिमा मंडल, DMK के ए. राजा आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित कई सदस्यों को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया.

विपक्षी सांसदों का केंद्र सरकार पर हमला

लोकसभा से आज 12 सांसदों के निलंबन पर विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है. विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है.”

‘पीएम मोदी अपनी तनाशाही चलाएं’

वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को निलंबित किया जाएगा. मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है. पहले आपने 15 और अब 31 सांसद निलंबित कर दिए. ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी तक को निलंबित कर दिया। सदन में अगर विपक्ष की आवाज ही नहीं होगी तो सदन और लोकतंत्र का मतलब क्या है?”

– भारत एक्सप्रेस

 

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