पीएम मोदी और सचिन पायलट
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर जमके हमले बोल रही हैं. ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट पर सियासत शुरू हो गई है. दरअसल पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने राजेश पायलट का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा कि एक कांग्रेस पार्टी के भलाई के लिए राजेश पायलट ने चुनौती दी थी. हालांकि ये बात कांग्रेस को पसंद नहीं आई. अब कांग्रेस राजेश पायलट की सजा उनके बेटे को दे रही है.
पीएम के इस हमले के बाद सचिन पायलट ने जवाब दिया है. उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बयान सुना, जो तथ्यों से बहुत दूर है. हकीकत ये है कि स्वर्गीय पायलट साहब इंदिरा गांधी जी से प्रेरित होकर जन सेवा के लिए कांग्रेस में आए थे. उन्होंने लंबे समय तक जनता की सेवा की और आजीवन सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बयान सुना, जो तथ्यों से बहुत दूर है।
हकीकत ये है कि स्वर्गीय पायलट साहब इंदिरा गांधी जी से प्रेरित होकर जन सेवा के लिए कांग्रेस में आए थे।
उन्होंने लंबे समय तक जनता की सेवा की और आजीवन सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
जहां तक मेरी… pic.twitter.com/FsIaO2iPCF
— Congress (@INCIndia) November 23, 2023
पीएम मेरे भविष्य की चिंता न करें- पायलट
पीएम के कांग्रेस को सचिन पायलट को सजा देने वाले बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा- जहां तक मेरी बात है, तो मुझे लगता है. पीएम मोदी को मेरे वर्तमान और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए. इसकी चिंता मेरी पार्टी और जनता करेगी. सोनिया गांधी जी, राहुल जी और प्रियंका जी के साथ हमारा बहुत पुराना रिश्ता है. यह रिश्ता दिल का है. इसमें किसी और को बयान देने की कोई जरूरत नहीं है. हम सभी साथ मिलकर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.
सच्चाई ये है कि बीजेपी के पास देश के लिए कोई रोडमैप नहीं है, कोई योजनाएं नहीं हैं. इसलिए पीएम मोदी जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे तथ्यहीन बयान दे रहे हैं.
1997 में राजेश पायलट की बगावत का किया जिक्र
दरअसल पीएम 1997 वें के वाक्य का जिक्र कर रह थे. उस समय कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा था. चुनाव में सीताराम केशरी ने हिस्सा लिया था. तब सीताराम का दबदबा हुआ करता था. सब जानते थे चुनाव वहीं जीतेंगे, लेकिन उसके बाद भी राजेश पायलट ने चुनाव लड़ उन्हें चुनौती दी. बताया जा जाता है कि इसके बाद उन्होंने पार्टी आलाकमान का समर्थन खो दिया था.
– भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.