कांग्रेस यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (फोटो फाइल)
Ajay Rai: उत्तर प्रदेश में पिछले 34 साल से अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि ढूंढ रही कांग्रेस में कई प्रदेश अध्यक्ष आए और गए, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगातार अपने खराब दौर से ही गुजर रही है । उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अपना माहौल बनाने के लिए कई प्रयोग किया लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कुछ खास जनता के बीच में पकड़ बनाने में सफल नहीं हो पा रही । अकेले चुनाव लड़ने से लेकर गठबंधन में उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने पर भी कांग्रेस कोई बड़ा कारनामा नहीं कर सकी यहां तक की कांग्रेस में बतौर यूपी प्रभारी के रूप में प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश में फेल ही साबित हुई। अब ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को कमान सौपी है । आक्रामक अंदाज के लिए पहचाने जाने वाली अजय राय ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालते ही अपने इरादे साफ करते हुए कह दिया है कि वह 2024 के चुनाव में सरकार के जुल्मो के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे और सवाल उठेंगे । लेकिन इन सभी के बीच यह सवाल अभी भी काबिज है कि इतने सारे प्रयोग किए जाने के बाद जब कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने को मजबूत नहीं कर पाई तो अब अजय राय ऐसा क्या करें जिससे कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर लेगी।
34 साल में कांग्रेस के प्रयोग लगातार हो रहे फेल
यूपी में कांग्रेस लगातार नए-नए प्रयोग, नए-नए प्रदेश अध्यक्षों के साथ जनता के बीच में आती है, लेकिन हर बार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को निराशा ही हाथ लगती है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का खराब दौर 1989 से चल रहा है । 1998 में तो आलम यह था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एक भी शीट जीत पाने में सफल नही हो पाई थी । 34 सालों में सिर्फ 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे ज्यादा 21 सीट जीती थी । उसके बाद से कांग्रेस 2014 2019 में सिर्फ दो और एक सीट पर सिमट कर रह गई। यहां तक की कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की भी सीट नहीं बचा पाई।
कांग्रेस ने 34 साल में बदले 17 प्रदेश अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपना जनाधार बढ़ाने के लिए 34 साल में 17 प्रदेश अध्यक्ष बदल चुकी है , जिसमें की पार्टी में हर क्षेत्र ,जाति, वर्ग और संप्रदाय के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की , लेकिन उनका भी कोई खास असर देखने को नहीं मिला। 1989 से अभी तक की अध्यक्षों की अगर बात की जाए तो
बलराम सिंह यादव 1988 से 1990
राजेंद्र कुमारी वाजपेई 1990 से 1991
महावीर प्रसाद 1991 से 1994
नारायण दत्त तिवारी 1994 से 1995
जितेंद्र प्रसाद 1995 से 1997
नारायण दत्त तिवारी 1997 से 1998
सलमान खुर्शीद 1998 से 2000
श्री प्रकाश जायसवाल 2000 से 2002
अरुण कुमार सिंह मुन्ना 2002 से 2003
जगदंबिका पाल 2003 से 2004
सलमान खुर्शीद 2004 से 2007
रीता बहुगुणा जोशी 2007 से 2012
निर्मल खत्री 2012 से 2016
राज बब्बर 2016 से 2019
अजय कुमार लालू 2019 से 2022
बृजलाल खबरी 2022 से 2023 और अब अजय राय को उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
ऐसे में अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के ऊपर संगठनात्मक स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने से लेकर जनता के बीच में पार्टी की नीतियों को पहुंचाने और जनता का विश्वास जीतना एक बड़ी चुनौती है, वैसे भी अगर कांग्रेस की स्थित के आधार पर देखे तो उत्तर प्रदेश में इस समय कांग्रेस की सिर्फ एक लोकसभा सीट है, तो ऐसे में अजय राय के पास खोने के लिए बहुत कुछ खास नहीं है लेकिन अगर अजय राय की परफॉर्मेंस जनता के बीच में मजबूत होती है तो पाने के लिए उत्तर प्रदेश में उनके पास बहुत कुछ है । अब यह देखने वाली बात होगी कि अजय राय अब उस पर खरे उतरते हैं या पिछले प्रदेश अध्यक्षों की तरह ही उन्हें भी असफलता का सामना करना पड़ेगा।