Bharat Express

पसीने से बेहाल रहने वालों को हो सकती है ये बीमारी, जानें इसका कारण

ज्यादा पसीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. यह एक प्रकार के बीमारी का लक्षण होता है जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में…

हाइपरहाइड्रोसिस

हाइपरहाइड्रोसिस

hyperhidrosis symptoms: गर्मी में या मेहनत वाला काम करने पर पसीना आना आम बात है. कुछ लोगों को हर मौसम में पसीना आता है तो कुछ को अधिक गर्मी पड़ने पर ही पसीना आता है. अगर आपको बिना किसी वजह के अचानक ज्यादा पसीना आने लगे तो इसे नजरअंदाज ना करें. जिन लोगों को दिल की बीमारियां होती हैं या फिर मोटापे का शिकार होते हैं उनमें ये दिक्कत ज्यादा देखी जाती है.

लेकिन इसके अलावा एक बीमारी और भी है जिसमें कि शरीर से ज्यादा पसीना आता है इसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं. हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलता है. तो आइए जानते है क्या है हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण और उसके उपाय.

हाइपरहाइड्रोसिस के कारण?

हाइपरहाइड्रोसिस की बीमारी डायबिटीज, थॉयराइड, लो ब्लड प्रेशर, कैंसर, दिल के रोग के कारण होता है. पसीना बॉडी को ठंडा करता है. जब आपके शरीर का तापमान बढ़ता है तो आपका नर्वस सिस्टम आपके पसीने को अपने आप चालू कर देता है. जब आप घबराए हुए होते हैं तो पसीना सामान्य रूप से आता है, खासतौर पर हथेलियों पर. यदि माता-पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो बच्चे को होने की संभावना रहती है.

ये भी पढ़ें:सर्दियों में इन चीजों का सेवन, नहीं कम होगा गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल

क्या है हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण?

हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित इंसान को बिना तनाव के भी हर मौसम में हाथ की हथेली और पैरों के तलवों पर पसीना आता है. इस बीमारी में मरीज को सर्दी में भी पसीना महसूस होता है. इस बीमारी में सबसे ज्यादा पसीना शरीर के बाजू, चेहरे, हथेलियां और पांव पर आता है. इतना ही नहीं कपड़ों पर पसीने के दाग और गंदगी के निशान भी इसके लक्षण है.

क्या है इसका उपाय?

हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों से अधिक पसीने आने लगते है. इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. अगर आपको ये समय से पता चल जाता है तो डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं जो कि आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ा हो सकता है. जैसे कि वजन कंट्रोल करना, खाने में कैफिन की मात्रा कम करना, एल्यूमीनियम बेस्ड लोशन और तनाव और चिंता से बचाव करना चाहिए. अगर आपको भी इस प्रकार के बीमारी का अहसास होता है तो नजरअंदाज न करें ये बीमारी और सीधे अपने डॉक्टर को दिखाएं.

-भारत एक्सप्रेस 

Bharat Express Live

Also Read