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This is Business: इजराइली फर्म का ‘लाला रूप’, 10 साल से भारत के साथ पाकिस्तान को भी बेच रहा हाईटेक हैकिंग टूल

India-Pakistan rivalry: UFED को दुनिया सबसे बेहतरीन मोबाइल फॉरेंसिक टूल के रूप में जाना जाता है. इसके जरिए जांच एजेंसियां पासवर्ड से लैस फोन को भी हैक कर लेती हैं.

UFED टूल (फोटो प्रतिकात्मक)

Digital forensic tool: इजराइल की एक साइबर टेक्नोलॉजी कंपनी ने मुनाफे की होड़ में कई आशंकाओं को जन्म दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी ‘एडवांस्ड डिजिटल इन्वेस्टिगेटिव डिवाइस’ बेचती है. इसे यूनिवर्सल फॉरेंसिक एक्सट्रैक्शन डिवाइस (UFED) नाम से जाना जाता है और पिछले दस सालों से भारत और पाकिस्तान दोनों को बेचा जा रहा है.

इजराइली प्रकाशन होरेत्ज़ ने बुधवार को बताया कि हाईटेक हैकिंग टूल बनाने वाले कंपनी सेलेब्राइट (Cellebrite) के बनाए गए UFED और दूसरे उत्पादों का इस्तेमाल पाकिस्तान की फेडरल जांच एजेंसी साल 2012 से लगातार कर रही है. गौरतलब है कि सेलेब्राइट कंपनी नैस्डैक एक्सचेंज में लिस्टेड है और UFED इसका एक अहम प्रोडक्ट है.

UFED को दुनिया सबसे बेहतरीन मोबाइल फॉरेंसिक टूल के रूप में जाना जाता है. इसके जरिए जांच एजेंसियां पासवर्ड से लैस फोन को भी हैक कर लेती हैं. इसके जरिए किसी भी शख्स के फोन में मौजूद कॉल डिटेल्स, तस्वीरें, वीडियोज, मैसेजेज, कॉन्टैक्ट को हासिल किया जा सकता है.

बिजनेस में टकराव की स्थिति

ऐसे में इसकी आशंका ज्यादा बढ़ गई है कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल भारत के संदर्भ में जासूसी के तौर पर कर सकता है. चूंकि, एक ही कंपनी का प्रोडक्ट दोनों देशों के पास है, ऐसे में बिजनेस में टकराव की स्थिति काफी ज्यादा पैदा हो चुकी है. वैसे जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान में अधिकांश तौर पर इस हाईटेक हैकिंग टूल का इस्तेमाल पत्रकारों, अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं और महिलाओं के खिलाफ ज्यादा किया जा रहा है. फिलहाल, भारत के संदर्भ में इसके दुरूपयोग की जानकारी अभी तक नहीं है.

सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में यहां पर ‘कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट’ का मुद्दा बनता है? इस पर जानकारों का कहना है कि चूंकि इजराइल फर्म का मूल काम व्यापार करना है. लिहाजा वह अपना प्रोडक्ट इंडिया को बेचे या पाकिस्तान को, या फिर किसी अन्य मुल्क को. व्यापार के लिहाजा से वह तमाम नैतिक दबावों से मुक्त है. ‘द प्रिंट’ की एक रिपोर्ट में इस डिवाइस को लेकर जानकारी दी गई है.

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इस रिपोर्ट में साइबर के जानकारों ने आश्वस्थ किया है कि पाकिस्तान में इसकी बिक्री से भारत को कोई ख़तरा नहीं है. एक विशेषज्ञ ने इस प्रोडक्ट (UFED) की तुलना एमएस ऑफिस से की है. उनके मुताबिक अलग-अलग लोग अगर इस टूल का इस्तेमाल करते हैं तो इसका एक दूसरे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ने वाला. जानकारों का कहना है कि यह एक इजराइली कंपनी है, जो अपने अलग-अलग ग्राहकों से मुनाफा कमा रही है.

– भारत एक्सप्रेस

 

 



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