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‘आज दुनिया में कोई भी बड़ा मसला भारत से सलाह-मशविरा किए बिना तय नहीं होता..अब हम बदल गए हैं’, बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

External Affairs Minister Dr S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री ने दुनिया में बढ़ते भारत के प्रभाव के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने भारत चीन बॉर्डर विवाद और ग्लोबलाइजेशन को लेकर भी नागपुर में चर्चा की.

External Affairs Minister S Jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

India Impact On Globalization: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारे बारे में अब दुनिया का नजरिया बदल रहा है. दुनिया में आज कोई भी बड़ा मसला भारत से सलाह-मशविरा किए बिना तय नहीं होता.

एस जयशंकर ने यह बयान महाराष्ट्र के नागपुर में दिया. जहां उन्होंने कहा, “भाइयों..बहनों.. अब हम बदल गए हैं और हमारे बारे में दुनिया का नजरिया भी बदल गया है.” विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब चीनी सरकार के ‘मुखपत्र’ कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स अखबार ने भारत के बारे में सकारात्मक आलेख प्रकाशित किया था.

चीन के प्रमुख मीडिया आउटलेट ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक विकास, सामाजिक शासन और विदेश नीति में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति की प्रशंसा करते हुए एक लेख प्रकाशित किया था. यह लेख शंघाई स्थित फुदन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर झांग जियाडोंग द्वारा लिखा गया था.

‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपा झांग जियाडोंग का लेख भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, शहरी शासन में सुधार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों, विशेष रूप से चीन के साथ दृष्टिकोण में बदलाव को स्वीकार करता है. उदाहरण के लिए झांग जियाडोंग ने लिखा, “चीन और भारत के बीच व्यापार असंतुलन पर चर्चा करते समय, भारतीय प्रतिनिधि पहले मुख्य रूप से व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए चीन के उपायों पर ध्यान केंद्रित करते थे, लेकिन अब वे भारत की निर्यात क्षमता पर अधिक जोर दे रहे हैं.”

झांग जियाडोंग के लेख में पिछले चार वर्षों में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया. उस लेख में विशेष रूप से देश के रणनीतिक आत्मविश्वास पर जोर देते हुए “भारत नैरेटिव” को बढ़ावा देने में भारत के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की गई. लेख में लिखा गया कि अपने तीव्र आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ, भारत रणनीतिक रूप से अधिक आश्वस्त हो गया है और ‘भारत नैरेटिव’ बनाने और विकसित करने में अधिक सक्रिय हो गया है.

‘ग्लोबल टाइम्स’ में झांग जियाडोंग ने लिखा था कि “राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में, भारत पश्चिम के साथ अपनी लोकतांत्रिक सहमति पर जोर देने से आगे बढ़कर लोकतांत्रिक राजनीति की ‘भारतीय विशेषता’ को उजागर करने लगा है. वर्तमान में, लोकतांत्रिक राजनीति के भारतीय मूल पर और भी अधिक जोर दिया जा रहा है.”

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