एस. जयशंकर, विदेश मंत्री
Qatar News: छोटे-से मुस्लिम देश कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई है. पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व भारतीय नौसेना के अफसरों पर कतर ने जासूसी का आरोप लगाया था और अब वहां की अदालत ने मौत की सजा का फैसला सुनाया है. इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय नौसेना में सेवाएं दे चुके उपरोक्त सभी 8 लोग कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे. यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है. वह कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है. रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कंपनी के सीईओ हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान- कानूनी मदद करेंगे
इन लोगों पर कतर ने जासूसी का आरोप लगाया. यह मामला वहां की अदालत में पहुंचा, अब अदालत ने पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व भारतीय नेवी ऑफिसर को मौत की सजा सुनाई है. जिसके बाद भारत सरकार की ओर से गुरुवार को कहा गया है कि कतर में फंसे भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. कतर की अदालत के इस फैसले को हम वहां के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे.”
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कतर की अदालत ने इन 8 को सुनाई सजा-ए-मौत
कतर की अदालत में जिन पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा दी गई है, उनके नाम सामने आए हैं- कैप्टेन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टेन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश. ये सभी महजब से हिंदू हैं और कतर एक इस्लामिक मुल्क है.
— भारत एक्सप्रेस
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