पीएम मोदी, विदेश सचिव विनय क्वात्रा (दाएं)
Voice of Global South Summit : भारत में आज वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ के दूसरे समिट (VOGSS) का वर्चुअल आयोजन हुआ. इस समिट के समापन लीडर्स सेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बिरादरी के हित में कई बातें कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें एक भविष्य की दिशा में और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना के साथ काम करना चाहिए.”
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में कहा— “हम अपना भविष्य खुद बनाएंगे और अपनी किस्मत खुद तय करेंगे. सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता आज कल्याण की गारंटी है. हमें ग्लोबल साउथ में गरीबी मिटानी है और इसके साथ-साथ अपनी जमीन की भी रक्षा करनी है.”
#WATCH | Foreign Secretary Vinay Kwatra says, "We just concluded the second Voice of Global South Summit. The first Voice of Global South Summit summit was held in January 2023, building on the momentum of the achievement of the first Global South Summit. Under PM Modi's… pic.twitter.com/g7R4VVTvz0
— ANI (@ANI) November 17, 2023
#WATCH | Foreign Secretary Vinay Kwatra says, "In terms of theme- Together For Everyone's Growth With Everyone's Trust which echoes essentially India's philosophy of Vasudev Kutumkum. It is an extension of PM Modi's vision of 'Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas'…PM also… pic.twitter.com/eW0PlAV4UX
— ANI (@ANI) November 17, 2023
‘सबके विश्वास के साथ सबका विकास का दृष्टिकोण’
वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ के दूसरे समिट (VOGSS) के उपरांत विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदस्य देशों के साथ की गई चर्चा के बारे में बताया. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार, 17 नवंबर की रात को कहा, “VOGSS के थीम के संदर्भ में- सबके विश्वास के साथ सबका विकास, जो अनिवार्य रूप से भारत के वासुदेव कुटुमकुम के दर्शन को प्रतिध्वनित करता है..यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ दृष्टिकोण का विस्तार है.”
‘दुनिया के नक्शे में ग्लोबल साउथ हमेशा से था’
प्रधानमंत्री मोदी ने आज ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस-दक्षिण (DAKSHIN) का भी उद्घाटन किया. वहीं, वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ के दूसरे समिट के दौरान सदस्य देशों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा— “दुनिया के नक्शे में ग्लोबल साउथ हमेशा से था, लेकिन उसे आवाज अब मिल पाई है. ये सब साथ मिलकर काम करने से हो पा रहा है.” मोदी ने कहा— “हम भले ही 100 से ज्यादा देश हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकताएं एक जैसी हैं. यही वो समय है जब ग्लोबल साउथ को एकजुट होने की जरूरत है. वैश्विक भलाई के लिए हमको एकजुट होना चाहिए”.