कीटो डाइट
Keto Diet: वजन घटाने के लिए इन दिनों लोग एक से बढ़कर एक डाइट फॉलो कर रहे हैं. कोई वीगन डाइट पर है तो कोई मेडिटेरियन डाइट फॉलो कर रहा है. इन्हीं में से एक डाइट है कीटो डाइट जो आजकल बहुत ही पॉपुलर हो गया है. जिसे वजन घटाने के लिए काफी प्रभावी डाइट माना जाता है. कीटो डाइट जिसे किटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है. इस डाइट में शरीर ऊर्जा के लिए फ्लैट पर पूरी तरह से निर्भर होता है.
हालांकि कई रिसर्च में इस डाइट के कुछ साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं. इसमें बताया गया है कि जब भी लोग अपना वजन कम करने के लिए कीटों डाइट लेना शुरू करते हैं तो कुछ शुरुआती हफ्तों में ही इससे व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं. माना जाता है कि कुछ कीटो डाइट को फ्लो कर सकते हैं लेकिन लंबे समय के लिए इसे अपनाना हमारे स्वास्थ पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. आइए जानते है क्या है कीटो डाइट के खतरे.
कीटो डाइट के साइट इफेक्ट्स
कीटो डाइट में हाई फैट और लो कार्ब की मात्रा अधिक होती है. इससे आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी हो जाती है. ऐसे में शरीर में एनर्जी की कमी हो सकती है. हाई फैट की वजह से शरीर में फैट ज्यादा हो जाता है . कई मामलों में सैचुरेटेड फैट काफी बढ़ जाता है. जो हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है. इतना ही नहीं वजन की मात्रा बढ़ने से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है. अगर कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में नहीं रहता है तो इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है.
कीटो फ्लू के लक्षण
कीटो डाइट के दुष्प्रभावों को कीटो फ्लू नाम दिया गया है. जब आप कीटो डाइट पर रहते हैं तो पहले 7 दिनों में आपको फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 4 सप्ताह के बाद धीरे-धीरे यह लक्षण कम होने लगते हैं. कीटो डाइट से होने वाली फ्लू तो सामान ही रहती है पर फिर भी इससे थकान, मतली, चक्कर आना, ऊर्जा में कमी, बेहोशी और दिल की धड़कन में बदलाव देखने को मिला है.
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कैंसर की समस्या
कीटो डाइट में परिणाम तेजी से मिलते हैं. इसमें एक सप्ताह में ही रिजल्ट दिखने लगता है. शरीर ज्यादा ऊर्जा प्राप्त करने लगता है. ज्यादा फैट लेने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा होता है. ज्यादा प्रोटीन किडनी पर दबाव डालता है. इतना ही नहीं हाई फैट वाले नॉनवेज फूड्स जैसे – मीट, अंडे आदि कीटो डाइट में शामिल होते हैं.
ये सभी फूड्स कार्बोहाइड्रेट से रहित होते हैं. इन फूड्स का ज्यादा खाने से किडनी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.ये फूड्स हमारे खून और यूरिन को अधिक एसिडिक बना देते हैं. साथ ही यूरिन में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ जाती है. इसलिए नॉनवेज कीटो फूड्स का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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