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अजीत डोभाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त, प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव बने रहेंगे पीके मिश्रा

साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था. वहीं, 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा ने 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद संभाला था.

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अजीत डोभाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

Ajit Doval News: अजीत डोभाल को केंद्र सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है. उनका यह तीसरा कार्यकाल होगा. इसे लेकर आज (13 जून) एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई.

सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, डोभाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के अंत तक रहेगी.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने आईपीएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो 10 जून 2024 से प्रभावी होगी. उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) बनी रहेगी.’

अजीत डोभाल के कार्यकाल के दौरान, उन्हें वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. उनकी नियुक्ति की शर्तें और नियम अलग से अधिसूचित किए जाएंगे.

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पीके मिश्रा प्रधान सचिव पद पर बने रहेंगे

अजीत डोभाल के अलावा पीके मिश्रा (PK Mishra) भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव के पद पर बने रहेंगे. पीके मिश्रा ने 2019 में नृपेंद्र मिश्रा की जगह प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव का पद संभाला. 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने इंग्लैंड के ससेक्स विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र/विकास अध्ययन में पीएचडी की है.

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में अमित खरे और तरुण कपूर की फिर से नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है. यह नियुक्ति 10 जून से दो वर्ष के लिए होगी. उन्हें ‘भारत सरकार के सचिव के पद और वेतनमान पर’ नियुक्त किया जा रहा है.

ये नियुक्तियां प्रधानमंत्री के इन अधिकारियों, विशेषकर अजीत डोभाल और पीके मिश्रा, के प्रति विश्वास को दर्शाती हैं, जो कई वर्षों से इन महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं.

डोभाल 2014 में बने थे NSA

साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पहले कार्यकाल के दौरान अजीत डोभाल को NSA बनाया गया था. साल 2019 में भी उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया.

जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने NSA अजीत डोभाल समेत अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है. बैठक में पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी स्थिति की पूरी जानकारी ली. इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें आतंकवाद विरोधी प्रयासों की जानकारी दी.

आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन

पीएम मोदी ने बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा पीएम मोदी ने आतंकी हमलों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से बात की.

साथ ही उन्होंने घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती और एक्शन प्लान को लेकर भी जानकारी ली है. LG मनोज सिन्हा ने पीएम मोदी को जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर जानकारी दी है और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों के बारे में भी बताया.

बता दें कि बीते 4 दिनों में जम्मू-कश्मीर में तीन जगह रियासी, कठुआ और डोडा जिले में आतंकी हमला हुआ है. इन आतंकी हमलों में 9 लोगों और सुरक्षाबल के एक जवान की जान चली गई. इसके अलावा कई सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग घायल भी हुए हैं.


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कौन हैं अजीत डोभाल

इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक अजीत डोभाल प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं. 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल केरल कैडर के थे. अशोक चक्र के बाद शांति काल में दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र पाने वाले वह पहले पुलिसकर्मी थे. राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान, जिसमें सभी आतंकवाद विरोधी और खुफिया संगठन शामिल हैं, के प्रभारी व्यक्ति के रूप में वह देश के सबसे शक्तिशाली अधिकारियों में से एक हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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