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News Next 2024: Bharat Express के चेयरमैन उपेंद्र राय का संबोधन- मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, इसके सामने कई चुनौतियां, सभी मिलकर काम करें

पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी व एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के सामने आई चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने इस पर जोर दिया कि मीडिया को अच्छी खबरें ज्यादा पेश करनी चाहिए.

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भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी व एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय

Upendra Rai Speech Today: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय शनिवार (30 मार्च) को ‘एक्सचेंज 4 मीडिया’ के ‘News Next 2024’ कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां उन्हें पुरस्कृ​त किया गया. अपने संबोधन में उन्होंने भारत में उभरते समाचार चैनलों के लिए अवसर और चुनौतियों के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए. हिंदी पत्रकारिता में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले उपेंद्र राय ने मीडियाकर्मियों को सही ढंग से अपनी जिम्मेदारी निभाने तथा आमजन को अखबारों से जुड़े रहने का आह्वान किया.

पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए भारत एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र में चौथे स्तंभ का काम करता है. लोकतंत्र के चार स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की राष्ट्र में अहम भूमिका होती है. हालांकि, अब हमारे सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं. हम सबको मिलकर काम करना चाहिए.

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जब अमेरिका के ‘फादर ऑफ द नेशन’ ने दी प्रेस को प्राथमिकता

भारत एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के जो 4 फादर्स हुए, जिन्हें फादर ऑफ द नेशन की संज्ञा मिली. उनमें एक अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन भी हुए. वह एक राजनीतिक दार्शनिक और विद्वान व्यक्ति थे. उनका एक वाक्य मुझे प्रभावित करता है. वे बहुत उदार स्वभाव वाले थे. सबको जोड़ने की भावना उनमें थी. उन्होंने कहा था कि मेरी जगह कोई भी ऐसी सरकार बना रहा हो, जहां प्रेस है तो मैं ऐसी सरकार को हाथों हाथ लेना चाहूंगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अमेरिका 4 जुलाई 1776 को आजाद हुआ था. थॉमस जेफरसन अमेरिकी ‘स्वतंत्रता की घोषणा’ के मुख्य लेखक थे. वे डेमोक्रेटिक-रिपब्लिकन पार्टी से थे. उनकी ब्रिटेन और फ्रांस के बहुत से बुद्धिजीवी नेताओं से जान-पहचान थी. ब्रिटेन में 1787 में प्रेस पिलर बन चुका था, 18वीं शताब्दी आई, फिर 19वीं शताब्दी आई. अमेरिका में राष्ट्रपति भी बदले, लेकिन वे जेफरसन के आदर्शों पर ही आगे बढ़े. जेफरसन अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा के प्राइमरी ड्राफ्ट्समैन और स्टेट सेक्रेटरी (1789-94) भी थे. वे दूसरे उपाध्यक्ष (1797-1801) और अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति (1801-09) भी थे. उन्होंने प्रेस (मीडिया) को अहमियत दी.’

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खबरों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता जरूरी

सीएमडी उपेंद्र राय बोले, ‘जहां बहुत आइडिएशन होता है, कई बार गिरावट भी वहां ज्यादा देखने को मिलती है. अमेरिका में दो बड़े मीडिया हाउस शुरू हुए. मिस्टर जोसेफ पुलित्जर, जिनके नाम से पुलित्जर अवार्ड मिलता है, उन्हें हम सब जानते हैं, उनके अलावा उन्हीं के समकालीन एक और थे विलियम रैंडोल्फ हर्स्ट, जिनका अखबार निकलता था. उस दौर में जब यूरोपीय देश स्पेन, कैरेबियन देश क्यूबा पर आक्रमण कर रहा था तो अमेरिका सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए था. उन्हीं दिनों एक घटना घटी. स्पेन के समुद्री इलाके में एक अमेरिकी जहाज डूब गया. विलियम हर्स्ट के अखबार ने उस खबर को बढ़ा-चढ़ाकर छापा तो अमेरिका को युद्ध में उतरना पड़ा. बाद में ये बात साबित हो गई कि अमेरिकी जहाज के डूबने से स्पेन का कोई लेना-देना नहीं था. वो बस एक हादसा था. मगर, उसी घटना के कारण हजारों लोग लड़ाई में मारे गए और दो देशों को युद्ध में उतरना पड़ा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसी तरह एक और घटना थी, अमेरिका-वियतनाम से जुड़ी. एक बच्ची, जिसके तन पर कपड़े जले हुए थे, वो चीखते हुए सड़क पर दौड़ रही थी. वो फोटो अमेरिका के अखबारों में छपा तो अमेरिकी जनता ही अपनी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई. इस कारण अमेरिका को वियतनाम के विरुद्ध अपनी जंग रातों-रात रोकनी पड़ी. ध्यान देने वाली बात यह है कि अखबार में छपे फोटो का जो कैप्शन था, वो था- ‘टेरर ऑफ द वॉर’.

उन्होंने कहा, ‘मैंने यहां दो कहानियां सुनाईं, एक कहानी ऐसी है जो युद्ध करवा देती है और वहीं से निकलकर आई दूसरी कहानी है, जो युद्ध रुकवा देती है. मीडिया से जुड़ी ये दोनों घटनाएं अमेरिका की हैं. जहां के तीसरे राष्ट्रपति ने प्रेस (पत्रकारिता) के अधिका​रों की बात की, लेकिन वहां पीत-पत्रकारिता भी देखने को मिली. खबरों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता जरूरी है, वरना खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.’

पढ़ने-लिखने वाले लोगों के लिए AI खतरा नहीं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बोलते हुए भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘आज के समय में चाहे इमर्जिंग मीडिया हो या फिर इस्टेब्लिश मीडिया. हमारी प्रतिस्पर्धा मोबाइल फोन से है, क्योंकि किसी भी घटना या फिर खबर के साथ जब तक हम पहुंचेंगे या फिर लोगों को बताएंगे, तब तक कोई न कोई मोबाइल फोन वाला लाखों या फिर हजारों लोगों तक उस खबर को पहुंचा चुका होगा. इसलिए अब जो मीडिया के सामने चुनौतियां हैं, वह पहले जैसी नहीं रहीं. अब जो चुनौती हमारे सामने खड़ी है, वह काफी उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. इसलिए जब चुनौतियां नेक्स्ट लेवल की होंगी तो समाधान भी उसके आगे के आएं.’

उन्होंने कहा, ‘AI से क्या खतरा है? टेली-प्रॉम्पटर से पढ़ने वाले या फिर किताब का लिखा बताने वालों के लिए यह बड़ा खतरा है, लेकिन जो लोग पढ़े-लिखे हैं और जिनके अंदर कंटेंट लिखने की कला है. उनके लिए AI से कोई खतरा नहीं है. उन्हें कभी खतरा हो भी नहीं सकता है, क्योंकि जिनके हाथ में हुनर है, वो हजारों तरह के कंटेंट लिख सकते हैं.’

उन्होंने एक उदाहरण देकर कहा, ‘जैसे लियोनार्डो द विंची ने मोनालिसा की तस्वीर बनाई थी. अब AI मोनालिसा जैसी तस्वीर तो बना सकता है, जो बिल्कुल उसी तरह की होगी, लेकिन उससे लियोनार्डो का कोई नुकसान नहीं हो सकता है, क्योंकि वह ऐसी हजारों तस्वीरें बना सकता था. ठीक वैसे ही आज के समय में उन लोगों के साथ भी है, जिनके अंदर टैलेंट है, कंटेंट है, पढ़ते-लिखते हैं, उन्हें AI से खतरा नहीं हो सकता है.’

वे कहते हैं, ‘न्यूज रीडर और जर्नलिस्ट में बहुत फर्क है, लेकिन जिसके अंदर ये दोनों चीजें होंगी, उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि इतना जरूर है कि जब इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन हुआ था तो ये सवाल जरूर खड़ा हुआ था कि अब क्या होगा? सारे लोग बेरोजगार हो जाएंगे, लेकिन कोई बेरोजगार नहीं हुआ, यहां तक कि जिन देशों में बेहतर इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन हुआ, वहां पर और भी बेहतर परिणाम आए और बेरोजगारी की दर सबसे कम है.’

सीमाओं को तोड़ने की जरूरत

कार्यक्रम के दौरान भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय ने लोगों की जीवनशैली और भविष्य को लेकर भी अपना नजरिया जाहिर किया. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि आप जितना हाइब्रिड मॉडल पर जाएंगे, उतना ही तरक्की करेंगे. जैसे जिन कौमों ने अपनी जातियों को छोड़कर दूसरी जातियों में शादियां करनी शुरू की, उन्होंने खूब तरक्की की, उनका दिमाग तेज हुआ, लेकिन जो लोग अपनी एक सीमा में बंधे रहे, उससे निकल नहीं पाए वे लोग वहीं पर रह गए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जैसे आदिवासी, जंगल से आगे नहीं बढ़े, अगर जंगल से बाहर निकलकर वे किसी अच्छे घर या फिर कुलीन वर्ग में बेटे-बेटियों की शादी करते तो उनका भी विकास (मानसिक और सामाजिक) तेजी के साथ होता. ऐसा पारसी समुदाय में भी होता है, वे लोग भी अपनी बिरादरी से बाहर निकलकर शादी नहीं करते हैं, इसलिए उतने में ही सिमट कर रह गए हैं.’


भारत एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय की पूरी स्पीच यहां सुनिए-


कार्यक्रम में मीडिया के बड़े चेहरे शामिल हुए

बता दें कि शनिवार, 30 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित द इंपीरियल होटल में ‘एक्सचेंज 4 मीडिया’ की ओर से न्यूज नेक्स्ट 2024 कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मीडिया इंडस्ट्री के बड़े-बड़े चेहरे शामिल हुए. कार्यक्रम में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय के अलावा इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त, राहुल कंवल, रबींद्र नारायण, सुमित अवस्थी, दीपक चौरसिया, जर्नादन पांडे, राणा यशवंत, अंजना ओम कश्यप और सुधीर चौधरी जैसे वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे.

पत्रकारों को सम्मानित किया गया

कार्यक्रम के आखिर में मीडिया जगत के नामचीन चेहरों की मौजूदगी में कई पत्रकारों को सम्मानित किया गया. ENBA न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड्स के 16वें संस्करण के विजेताओं की घोषणा की गई. ENBA पुरस्कार को देश के अग्रणी समाचार/टीवी पुरस्कारों के रूप में जाना जाता है. ENBA अवार्ड का मुख्य उद्देश्य भारत में टेलीविजन समाचार कवरेज में उत्कृष्टता का सम्मान करना है.

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आज कार्यक्रम के दौरान भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी व एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय का आयोजकों ने इस तरह स्वागत किया.

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‘एक्सचेंज 4 मीडिया’ के News Next 2024 कार्यक्रम के दौरान भारत एक्सप्रेस ग्रुप के प्रमुख चेहरे.

-भारत एक्सप्रेस

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