सीएम अशोक गहलोत (फोटो फाइल)
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में फिर से सरकार बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान बड़े कदम उठाने जा रहा है. पार्टी यहां फिर से फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. इसके लिए कांग्रेस ने अपने स्तर पर कई सर्वे किए हैं. इन सर्वों के मुताबिक पार्टी आलाकमान सीएम गहलोत के कई मंत्रियों के टिकट काट सकती है. बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कुछ ऐसे ही मंत्रियों की ओर इशारा भी कर दिया. इन मंत्रियों के अपने-अपने क्षेत्र में कामकाज को लेकर सरकार और संगठन स्तर पर सर्वे किए गए हैं, जिसमें इनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी प्रदेश में सरकार रिपीट कर मिथक को तोड़ना चाहती है. पार्टी इसके लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही है.
कांग्रेस आलाकमान यहां कर्नाटक पैटर्न की तरह चुनाव लड़ना चाहता है. जानकारी के मुताबिक, पार्टी सिर्फ यहां जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार को टिकट देगी. पिछले दो कार्यकाल में सीएम गहलोत के 70 फीसदी मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था.
पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्वी राजस्थान में गहलोत के मंत्रियों की हालत थोड़ी खराब है, इसलिए वहां विपक्षी बीजेपी कड़ी टक्कर दे रही है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भरतपुर, करौली, धोलपुर, दौसा और अलवर में शानदार तरीके जीत दर्ज की थी, लेकिन फिलहाल की स्थिति देखें तो यहां हालात बदल गए हैं. अब इन सभी जगहों पर गहलोत के सभी मंत्रियों को सर्वे रिपोर्ट खराब बताई जा रही है. अलवर जिले में दोनों मंत्रियों को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा दो मंत्रियों को दोसा में संघर्ष करना पड़ रहा है. वहीं कमोबेश में दो मंत्रियों के काम से जनता नाराज बतायी जा रही है.
एक्शन मोड में सीएम गहलोत
दूसरी तरफ पार्टी के अलावा सीएम गहलोत ने भी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. प्रदेश सरकार अपनी कई योजनाओं को सहारे सत्ता में वापसी करने का दावा ठोक रही है. इसी कड़ी में सीएम गहलोत ने प्रदेश में कई नई योजनाओं को भी चलाया है. सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत ने मिशन 2030 का दांव चलकर बीजेपी के मुश्किल में डाल दिया है. इसके साथ ही वह जमीनी स्तर पर अब ज्यादा काम कर रहे हैं.
– भारत एक्सप्रेस