Bharat Express

नाबालिग से रेप पर मिलेगी मौत की सजा, धारा 377 भी खत्म, जानिए इंडियन क्रिमिनल लॉ में कौन-से होने जा रहे बड़े बदलाव

Amit Shah: गृह मंत्री ने सदन में बताया कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है. इसीलिए हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं.

लोकसभा में अमित शाह (फोटो ट्विटर)

Indian Criminal Law: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में इंडियन क्रिमिनल लॉ को लेकर तीन बिल पेश किए है. इन दौरान उन्होंने कहा कि इन तीन कानून के आने के बाद देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा. इसके बाद उन्होंने कहा कि अब अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को बदल दिया जाएगा. इसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 शामिल हैं.

गृह मंत्री ने सदन में बताया कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है. इसीलिए हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जिन धाराओं में 7 साल या उससे अधिक जेल की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फॉरेंसिक टीम घटना स्थल पर जाकर सबूत एकत्र करेगी. अमित शाह के इन तीन नए कानूनों के तहत हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं. गृहमंत्री ने सदन में कहा कि आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, इनमें इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन एविडेंस कोड है.

गृहमंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किए गए इन तीन बिल के बाद आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. अलग-अलग अपराध की सजाओं में प्रावधान किया जाएगा. इसमें मॉब लिंचिंग, राजद्रोह कानून, नाबालिग से रेप जैसी घटनाओं में मिलने वाली सजा में बड़ा बदलाव हुआ है.

इंडियन क्रिमिनल लॉ में होने वाले बड़े बदलाव

1. मॉब लिंचिंग के लिए अब नया कानून बनाया जाएगा, जिसमें मौत की सजा का प्रावधान भी होगा.

2. राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा.

3. नए कानूनों में नाबालिग से बलात्कार के लिए मौत की सजा या उम्रकैद का प्रावधान रखा गया है. इसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में सजा को प्राथमिकता दी गई है

4. नई सीआरपीसी (CRPC) में 356 धाराएं होंगी, जबकि इससे पहले कुल 511 धाराएं होती थी.

5. नए कानूनों के मुताबिक, अब क्राइम किसी भी इलाके में हुआ हो, लेकिन FIR देश के किसी भी हिस्से में दर्ज करा सकते हैं.

6. अप्राकृतिक यौन अपराध धारा 377  अब पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के तहत “जो कोई भी स्वेच्छा से किसी भी पुरुष, महिला या जानवर के साथ अप्राकृतिक शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे आजीवन कारावास या 10 साल के कारावास या जुर्माना की सजा हो सकती है, सजा की इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है.

7. लव जिहाद पर कार्रवाई के लिए पहचान बदलकर यौन शोषण करने वाले को सजा का प्रावधान होगा.

8. आतंकवाद के खिलाफ नए कानून यानी मौत की सजा का प्रावधान किया गया है.

9. रेप विक्टिम की पहचान को बचाने के लिए नया कानून बनाया गया है.

10. भारतीय साक्ष्य कानून (IEA) 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लेगा.

– भारत एक्सप्रेस

 

Bharat Express Live

Also Read