चंडीगढ़ बॉर्डर पर हजारों की संख्या में जुटे किसान
Farmers Protest: राजधानी दिल्ली में क्या एक बार फिर किसान आंदोलन की गूंज सुनाई देने वाली है? ऐसी अब आशंका लग रही है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने अपने मांगों को लेकर दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है. किसानों ने मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर जगतपुरा में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, यह विरोध प्रदर्शन तीन दिनों तक चलने वाला है. करीब 7 हजार से ज्यादा की संख्या में किसान यहां एकत्र हुए हैं. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस बार लंबी यात्रा के लिए वे वहां आए हैं.
किसान इस बार बड़ी तैयारी के साथ आए है. किसानों की इतनी बड़ी संख्या को देखकर एक बार फिर दिल्ली में हुए किसान आंदोलन की याद आ गई. इस धरने में करीब 33 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया है.
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान
किसानों के इस बार लंबे चलने वाले प्रदर्शन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने ट्रैक्टर-ट्रौलियों पर सब्जियां, आटे और दाल की बोरियां के साथ खाना बनाने का सामान भी साथ ले रखा है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पूरी की जाए. किसान संगठनों ने ऐतिहासिक ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन की तीसरी वर्षगांठ और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी जैसी मांगों को पूरा न करने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.
किसानों ने इस बार अपने विरोध दर्ज कराने के लिए हरियाणा और पंजाब के राजभवनों को चंडीगढ़ में घेरा है. उन्होंने अपने प्रदर्शन को चंडीगढ़ चलो आंदोलन का नाम दिया है. विरोध प्रदर्शन में महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बूढ़े जवान सभी शामिल हैं. इसके अलावा इस आंदोलन में स्कूल-कॉलेजों के छात्र भी शामिल हैं. किसानों अभी चंडीगढ़ के बॉर्डर पर तैनात हैं. उनको रोकने के लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है और सीमा को सील कर दिया गया है. हालांकि अभी तक किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प की कोई खबर सामने नहीं आई है. किसानों ने भी बॉर्डर पर तंबू गाड़ दिए हैं.
अनिश्चितकाल तक बढ़ सकता है आंदोलन
किसान नेता दर्शन पाल ने बताया है कि, “कृषि संघ अपनी मांगें पूरी न होने पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजभवन की ओर बढ़ेंगे.” उन्होंने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो वे आंदोलन को अनिश्चितकाल तक बढ़ाएंगे.
– भारत एक्सप्रेस