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PM Modi Macron In Jaipur: PM मोदी ने जंतर-मंतर पर की फ्रांसिसी राष्‍ट्रपति की आगवानी, जयपुर में रोड शो

French president emmanuel macron visit india: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 2 दिन के राजकीय दौरे पर भारत आए हैं. पेरिस से दिल्ली न जाकर मैक्रों आज सीधे जयपुर पहुंचे. पीएम मोदी के साथ रोड शो किया.

PM Modi Emmanuel Macron

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों राजकीय दौरे पर भारत में हैं.

PM Modi Emmanuel Macron In Jaipur: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस बार गणतंत्र दिवस पर मुख्‍य अतिथि हैं. आज वे 2 दिन के राजकीय दौरे पर भारत पहुंचे. पहले दिन पेरिस से दिल्ली न जाकर वह सीधे जयपुर में आए हैं. यहां मैक्रों भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो कर रहे हैं.

फ्रांसिसी राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का अभी आमेर किले पर राजस्थानी तौर-तरीकों से स्वागत किया गया. इस दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने आमेर किले पर कच्छी घोड़ी डांस देखा. एक वीडियो फुटेज में मैक्रों राजस्थान का लोक नृत्य देखते नजर आए. कुछ देर बाद पीएम मोदी भी जंतर-मंतर पहुंच गए. वहां फ्रांस के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की मुलाकात हुई.

Emmanuel Macron In Jaipur

पीएम मोदी ने गुलदस्ता देकर फ्रांस के राष्ट्रपति और उनके साथ आए डैलीगेशन का जयपुर के जंतर-मंतर में स्वागत किया. उसके बाद दोनों नेता रोड शो के लिए रथ से निकले. जंतर-मंतर पर फ्रांस के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की मुलाकात राजस्‍थान टूरिज्‍म को बढावा देने का एक तरीका है.

emmanuel macron and modi

दुनिया की सबसे बड़ी आधुनिक वेधशाला है जंतर मंतर

जंतर मंतर महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा स्थापित एक प्रसिद्ध सौर वेधशाला है. इसे जुलाई 2010 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. यह आजादी से सदियों पहले भारत की विशेषज्ञता और वैज्ञानिक प्रगति का नमूना है. इसमें अठारह उपकरणों का एक सेट शामिल है और यह दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर वेधशाला है.

जंतर-मंतर में अनेकों उपकरण हैं, जिनमें से प्रमुख ये हैं-

लघु सम्राट यंत्र एक सन डायल है जो स्थानीय समय को 20 सेकंड की सटीकता से कैलिब्रेट करने में मदद कर सकता है.

उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित त्रिकोणीय दीवार के दोनों ओर चतुर्भुज हैं. दीवार की छाया चतुर्भुजों पर समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है. इस गतिविधि को स्थानीय समय को पढ़ने के लिए अंशांकित किया गया है. पश्चिमी और पूर्वी चतुर्थांशों को क्रमशः सुबह और दोपहर के खंडों के लिए 6 घंटे के उप-विभाजनों में विभाजित किया गया है.

प्रत्येक घंटे को चार 15 मिनट के डिवीजनों में विभाजित किया गया है, जिन्हें पांच मिनट और एक मिनट के डिवीजनों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक एक मिनट के विभाजन को प्रत्येक 20 सेकंड के तीन प्रभागों में विभाजित किया गया है.

सन डायल जिसका उपयोग गोलार्धों में सूर्य की स्थिति निर्धारित करने के लिए किया जाता है. इसे दो भागों में बनाया गया है – एक यह दर्शाता है कि सूर्य कब उत्तरी गोलार्ध में होता है (मार्च से सितंबर) और दूसरा यह दर्शाता है कि सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है (सितंबर से मार्च). लोहे की छड़ (ग्नोमन) की छाया जयपुर शहर के स्थानीय समय को दर्शाती है.

राशिवलय (Rashivalaya) जो आकाशीय पिंडों के आकाशीय अक्षांश और देशांतर को मापने के उपकरण हैं. ऐसे बारह उपकरण हैं जो राशि चक्र के बारह संकेतों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनसे माप तब किया जाता है जब राशि चक्र का संबंधित चिन्ह स्थानीय मध्याह्न रेखा को पार करता है.

इन उपकरणों को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की कोणीय स्थिति के आधार पर रखा जाता है.यह दुनिया का सबसे बड़ा सन डायल है, जो दो सेकंड की सटीकता के साथ स्थानीय समय दिखाता है.

बीच में दीवार जो स्थानीय अक्षांश के कोण के साथ उत्तर-दक्षिण दिशा में रखी गई है, जो कि 27º N है. दीवार की छाया पूर्वी और पश्चिमी चतुर्थांश पर समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है. इस गतिविधि को स्थानीय समय को पढ़ने के लिए अंशांकित किया गया है. पश्चिमी और पूर्वी चतुर्थांश को 6 घंटों में विभाजित किया गया है. प्रत्येक घंटे को 15 मिनट और बाद में 1 मिनट के भागों में बांटा गया है.

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