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‘मुझे भारत रत्न चाहिए…’, युवक ने Gorakhpur कमिश्नरेट भेजा लेटर, अधिकारियों ने बिना पढ़े ही साइन कर लगा दी मुहर! हुआ वायरल

UP News: इस लेटर पर विनोद कुमार गौड़ ने मांग करते हुए लिखा है कि, वे 30 सितंबर 2023 को संध्‍या वंदन यानी शाम की पूजा के पहले वे ध्‍यान साधना में बैठकर तपस्‍या कर रहे थे.

भारत रत्न की मांग करने वाला युवक (फोटो-सोशल मीडिया)

Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक युवक ने खुद के लिए ‘भारत रत्‍न’ की मांग करते हुए पत्र लिखा और उसे आयुक्‍त कार्यालय भेज दिया. उस पत्र को अधिकारियों ने साइन किया और सरकारी मोहर लगाकर आगे की कार्रवाई के लिए फारवर्ड भी कर दिया. अब यह पत्र सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसे पढ़-पढ़कर लोगों की खिल्‍ली छूट रही है. वहीं, अधिकारियों ने चुप्‍पी साध ली है.

माना जा रहा है कि सरकारी विभाग में कार्यरत अधिकारियों ने युवक के पत्र को पूरा पढ़े बिना ही साइन किया और सरकारी मोहर लगाकर आगे की कार्रवाई के लिए फारवर्ड कर दिया. यह मामला पिपराइच थाना और सदर तहसील के कुसम्‍ही बाजार के महराजी गांव के उत्‍तर टोला से सामने आया है. यहां के निवासी विनोद कुमार गौड़ ने यह पत्र लिखा था, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

संवाददाता ने बताया कि पत्र पर अक्‍टूबर महीने की तारीख लिखी गई है. पत्र पर विनोद कुमार गौड़ ने मांग करते हुए लिखा है कि, ‘वे 30 सितंबर 2023 को संध्‍या वंदन यानी शाम की पूजा के पहले वे ध्‍यान साधना में बैठकर तपस्‍या कर रहे थे. अचानक उन्‍हें अंतःकरण से बहुत तीव्र गति से दो बार आवाज आई कि, ‘मुझे भारत रत्‍न चाहिए, मुझे भारत रत्‍न चाहिए. इसके बाद उन्‍होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘भारत रत्‍न’ देने की मांग कर दी.”

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अधिकारियों बिना पढ़े कार्रवाई के लिए बढ़ा दिया आगे

पत्र के अनुसार, इसे आयुक्‍त (कमिश्‍नर) कार्यालय गोरखपुर के नाम से प्रेषित किया गया है. मजे की बात तो ये है कि वहां से इस पत्र को अपर आयुक्‍त (न्‍यायिक) द्वारा कार्रवाई के लिए गोरखपुर के जिलाधिकारी को भेजा गया है. इस पर उनके द्वारा बाकायदा मोहर लगाई गई और हस्ताक्षर किए गए. इसके बाद पत्र जिलाधिकारी, ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट/एडीएम सदर, तहसीलदार सदर, सीडीओ यानी मुख्‍य विकास अधिकारी के हस्‍ताक्षर और साइन के साथ आगे बढ़ा दिया गया है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और सोशल मीडिया यूजर्स इसको लेकर सरकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. फिलहाल इस मामले में किसी अधिकारी का बयान अभी तक सामने नहीं आया है.

-भारत एक्सप्रेस

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