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‘धर्मनिरपेक्ष नहीं धर्म सापेक्ष देश है भारत’, कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- यह सनातन राष्ट्र घोषित हो

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम हरियाणा पहुंचे. एक धर्म संसद में उन्होंने कहा कि भारत में जो भी पैदा हुआ वो सनातनी है, उसका पंथ या पूजा पद्धति चाहे जो भी हो. भारत को सनातन से और सनातन को भारत से अलग नहीं किया जा सकता है.

Acharya Pramod Krishnam

आचार्य प्रमोद कृष्णम.

Acharya Pramod Krishnam : कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि भारत को सनातन राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश नहीं है, बल्कि धर्म सापेक्ष देश है.

यह बात आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हरियाणा के करनाल में कही. उन्होंने वहां आयोजित युवा धर्म संसद में कहा, “भारत में जो भी पैदा हुआ वो सनातनी है, उसका पंथ या पूजा पद्धति चाहे जो भी हो. भारत को सनातन से और सनातन को भारत से अलग नहीं किया जा सकता है.”

आचार्य प्रमोद कृष्णम आगे बोले, “जो व्यक्ति भारत का नहीं होगा, वो सनातन नहीं हो सकता और जो सनातन का नहीं है वो भारत का नहीं हो सकता.” उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती को भारत रत्न दिए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि जो भी भारत में जन्मा है, वह सनातनी है. और अब भारत सनातन राष्ट्र घोषित होना चाहिए.

Acharya Pramod Krishnam

‘जो राम के नहीं हुए, वो CJI के क्या होंगे’

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया पर भी एक बड़ी बात कही. उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI चंद्रचूड़ पर सवाल उठाने वालों को धिक्कारा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X.com पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा, “जो राम के नहीं हुए,वो CJI के क्या होंगे.”

चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ ने क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि मैं प्रतिदिन भगवान की पूजा करता हूं और मैंने अयोध्या विवाद का समाधान निकालने के लिए भगवान से प्रार्थना की थी.

चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ कल पुणे जिले के खेड़ तालुका में स्थित अपने पैतृक गांव में थे. वहां उन्होंने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास केस है, मगर उसका समाधान नहीं मिल पाता है. अयोध्या विवाद में भी कुछ ऐसा ही हुआ है, यह मामला लगभग 3 महीनों तक मेरे पास था. मैं भगवान के सामने बैठा और उन्होंने मेरे लिए भी एक रास्ता ढूंढ लिया.”

राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने गए थे CJI

बता दें कि DY चंद्रचूड़ उन न्यायाधीशों में से एक हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था. तब तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, शरद बोबडे, DY चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. चीफ जस्टिस बनने के बाद DY चंद्रचूड़ ने इसी साल अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए थे.

— भारत एक्सप्रेस

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