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Joshimath Landslide: भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू के ध्वस्तीकरण का काम जारी

Joshimath Landslide: जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा अभी टला नहीं है. धीरे-धीरे अन्य होटल भी इसकी जद में आ रहे हैं. होटल मलारी इन और माउंट व्यू की तरह ही रोपवे तक जाने वाले रास्ते में स्थित स्नो क्रेस्ट और कॉमेट होटल भी भू-धंसाव से तिरछे होने लगे हैं.

Joshimath Landslide: जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा अभी टला नहीं है. धीरे-धीरे अन्य होटल भी इसकी जद में आ रहे हैं. होटल मलारी इन और माउंट व्यू की तरह ही रोपवे तक जाने वाले रास्ते में स्थित स्नो क्रेस्ट और कॉमेट होटल भी भू-धंसाव से तिरछे होने लगे हैं. दोनों मालिकों ने अपने होटलों को खाली करना शुरू कर दिया है. उधर, नगर क्षेत्र में 22 और भवनों में दरारें आ गईं. ऐसे भवनों की संख्या बढ़कर अब 782 हो गई है. आज PMO की एक टीम द्वारा यहां निरीक्षण किया गया, घरों और क्षेत्र के दरार वाले हिस्सों में साथ ही जहां भी पानी का रिसाव हुआ है उसका निरीक्षण किया गया. करीब दो घंटे तक निरीक्षण किया गया.

कॉमेट होटल के मालिक देवेश कुंवर का कहना है कि होटल आपस में चिपकने लगे हैं. सुरक्षा को देखते हुए पहले ही होटल के सामान को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है. कहा कि इसकी जानकारी प्रशासन को भी दे दी गई है. स्नो क्रेस्ट होटल की मालिक पूजा प्रजापति का कहना है कि वर्ष 2007 से होटल का संचालन किया जा रहा है. गत वर्ष से अभी तक होटल सुधारीकरण का काम किया जा रहा है, इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आया. अब होटल भू-धंसाव से तिरछा होने लगा है, जिससे सामान शिफ्ट करने का काम भी शुरू कर दिया गया है.

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जानकारी देने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने शनिवार शाम तक होटलों का मौका मुआयना नहीं किया था. देर शाम संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी अपनी टीम के साथ मौका-मुआयना किया। वे अपनी रिपोर्ट रविवार को जिलाधिकारी को सौंपेंगे.

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजित सिन्हा ने बताया कि अभी तक 782 भवन चिन्हित किए गए हैं, जिनमें दरारें आई हैं. 22 भवन शनिवार को चिन्हित किए गए. उन्होंने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं. इन वाडरें में 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. यहां से 223 परिवारों को सुरक्षा के दॄष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है, जबकि विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है.

सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कमरों में 2190 लोगों के ठहरने की ववस्था की गई है, जबकि पीपलकोटी में 491 कमरों में 2205 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.

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