Bharat Express

Madhya Pradesh: प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की किल्लत, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे ट्रक ड्राइवर, जानें क्यों हो रहा विरोध

Hit and Run law: केंद्र सरकार ने हिट एंड रन मामले में एक कानून को पास कर दिया है. इस कानून के बाद अगर किसी वाहन की टक्कर किसी से हो जाती है तो ड्राइवर वहां से भाग कर नहीं जा सकता है.

Resize_petrol_diesel_fuel_price

पेट्रोल डीजल के कुछ शहरों में बदले दाम

Madhya Pradesh: केंद्र सरकार के हिट एंड रन मामले में नए कानून पास होने पर मध्यप्रदेश में नई समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल इस कानून के विरोध में ट्रक और टैंकर ड्राइवर अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर बैठ गए हैं. ड्राइवरों के ऐसा करने से एक बड़ी समस्या प्रदेश में खड़ी हो गई है. ऐसे में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की आंशिक किल्लत शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक, कई पेट्रोल पंप ड्राइ हो गए हैं. वहीं पेट्रोल पंप के मालिकों का मानना है कि अगर ड्राइवरों को हड़ताल और लंबे समय तक चली तो कई और पेट्रोल पंप ड्राइ हो जाएंगे.

बताया जा रहा है कि 400 ट्रक और टैंकर के ड्राइवर हड़ताल हैं. इससे आने वाले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सेवाएं बंद होने की आशंका जताई जा रही है. आए दिन प्रदेश के पेट्रोल-डीजल डिपो पर ट्रकों की लंबी-लंबी लाइने लगी रहती थीं. लेकिन अब डिपो खाली पड़े हुए हैं.

हड़ताल बढ़ी तो होगी और दिक्कत

ड्राइवरों की हड़ताल का असर काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. पेट्रोल पंप संगठन के पदाधिकारी गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि पेट्रोल-डीजल ही नहीं बल्कि कई और व्यापार वाहन चालकों पर ही निर्भर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन प्रदेश के कुछ पेट्रोल पंट पर डीजल और पेट्रोल नहीं है. इसके अलावा फिलहाल हालात समान्य हैं. आने वाले दिनों में पेट्रोल ड्राइवर की हड़ताल का असर जितना अधिक दिखाई देगा, उतनी ही दिक्कत सामने आ सकती है.

यह भी पढ़ें- Myanmar: जवानों पर अरागन समूह का हमला, जान बचाने के लिए 151 सैनिकों ने भारत से लगाई मदद की गुहार

केंद्र सरकार ने पास किया है ये कानून

दरअसल, केंद्र सरकार ने हिट एंड रन मामले में एक कानून को पास कर दिया है. इस कानून के बाद अगर किसी वाहन की टक्कर किसी से हो जाती है तो ड्राइवर वहां से भाग कर नहीं जा सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो उसे 10 साल तक की सजा और सात लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है. विरोध कर रहे ड्राइवरों को कहना है कि यह एक काला कानून है. इसमें संसोधन की जरुरत है. वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर यह हड़ताल लंबे समय तक चलती है तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है. क्योंकि ट्रकों के जरिए समान इधर से उधर पहुंचाया जाता है. ऐसे कमर्शियल व्हीकल बंद हो गए तो अर्थव्यवस्था बिगड़ सकती है.

– भारत एक्सप्रेस

Also Read