मणिपुर हिंसा (फोटो फाइल)
Manipur Violence: मणिपुर में तीन महीनों से जारी हिंसा के बीच अब नयी मुसीबत सामने आयी है. प्रदेश में भारी बवाल के बीच अब म्यांमार (Myanmar) से करीब 700 से ज्यादा लोगों ने अवैध रूप से घुसपैठ की है. इसके बाद अब सरकार की चिंता बढ़ गई. इन म्यांमार के नागरिकों ने 22 और 23 जुलाई को राज्य में घुसपैठ की थी. हालांकि प्रदेश सरकार सतर्क हो गयी है, लेकिन इन लोगों का यहां आने का मकसद क्या है ? किसलिए यह लोग यहां आएं. प्रशासन ने इसके बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है.
वहीं मणिपुर की सरकार ने अब इसको लेकर असम राइफल्स से जानकारी मांगी है और पूछा है कि म्यांमार के नागरिक बिना सही दस्तावेजों के मणिपुर में कैसे घुस आए और कैसे इन्हें यहां आने की अनुमति मिली.
सीमा पर तैनात होते हैं असम राइफल्स के जवान
मणिपुर सरकार ने इस मामले पर चिंता जताते हुए इसे संवेदनशील बताया है. सरकार ने इतनी तादाद में घुसपैठ को लेकर असम राइफल्स अथॉरिटी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सरकार ने राइफल्स से पूछा कि 22 और 23 जुलाई को इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे प्रदेश के चंदेल जिले में घुस आए और इन्हें बिना दस्तावेजों के परमिशन कैसे मिल गई ? सरकार ने असम राइफल्स से जवाब इसलिए मांगा है क्योंकि सीमा पर राइफल्स के जवान के सुरक्षा करते हैं, जिसके चलते सरकार ने असम राइफल्स से सवाल-जवाब किए हैं.
अब सरकार को इस बात का डर है कि प्रदेश में पहले से ही हिंसा जारी है और अलग से 700 से ज्यादा लोगों की घुसपैठ होती है तो कहीं खतरा और न बढ़ जाए. कहीं लोगों के पास कोई गोला-बारूद या हथियार तो नहीं हैं.
वापस भेजने की सलाह
इस घटना पर मुख्य सचिव ने बताया कि, “राज्य सरकार ने असम राइफल्स को उन 718 अवैध म्यांमार नागरिकों को तुरंत वापस भेजने की सख्त सलाह दी है.” उन्होंने कहा कि म्यांमार के नागरिकों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर में प्रवेश किया और अब जिले के सात स्थानों – लाजांग, बोन्से, न्यू समताल, न्यू लाजंग, यांग्नोम्फाई, यांग्नोम्फाई सॉ मिल और ऐवोमजंग में रह रहे हैं. ये सभी गांव म्यांमार सीमा से लगे हुए हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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