मामन खान
Haryana Violenc: हरियाणा के नंहू में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक मामन खान (Maman Khan) को गिरफ्तार कर लिया. आज (शुक्रवार) को पुलिस उनको कोर्ट में पेश करेगी. इससे पहले हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी (FIR) में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है. सरकार ने यह भी दावा किया कि इस कदम का समर्थन करने के लिए पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं. बता दें कि पुलिस ने विधायक मामन खान को 2 बार पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए. उन्होंने अपने बीमार होने की बात कहकर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी.
हरियाणा सरकार के वकील दीपक सभरवाल ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि मामन खान के खिलाफ सबूतों का ‘‘सही मूल्यांकन’’ करने के बाद उन्हें चार सितंबर को आरोपी बनाया गया था.
कौन हैं मामन खान ?
मामन खान कांग्रेस के नेता हैं और वह हरियाणा की फिरोजपुर झिरका सीट से विधायक हैं. हालांकि उन्होंने हाई कोर्ट का रूख करते हुए अपनी अग्रिम जमानत में कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है जबकि हिंसा भड़कने के दिन वह नूंह में थे भी नहीं. वो 26 जुलाई से 1 अगस्त तक गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर थे. इसके अलावा मामले की जांच एसआईटी (SIT) से करवाने की भी मांग की गई थी. वहीं विधायक के वकील ने सुनवाई के बाद पत्रकारों से कहा कि मामन खान को अभी पता चला है कि उनका नाम FIR में दर्ज है. वहीं न्यायमूर्ति विकास बहल मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को करेंगे.
बता दें कि नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व वाली शोभायात्रा पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुरुग्राम में एक मस्जिद पर हुए हमले में एक मौलवी की मौत हो गई थी.
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SIT को सौंपी जाए जांच
विधायक खान ने अनुरोध किया कि नूंह में हिंसा से जुड़े सभी मामले एक विशेष जांच टीम (SIT) को ट्रांसफर कर दिए जाने चाहिए. सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि एक एसआईटी पहले ही गठित की जा चुकी है. इससे पहले, विधायक को नूंह पुलिस ने दो बार जांच में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. उन्होंने यह कहते हुए 31 अगस्त के लिए पुलिस समन का पालन नहीं किया कि उन्हें वायरल बुखार है.
विधायक के सुरक्षा अधिकारी का भी जिक्र
अपनी याचिका में खान ने कहा कि 26 जुलाई से एक अगस्त तक वह गुरुग्राम स्थित अपने घर पर थे, न कि नूंह में. लेकिन सरकार के वकील ने सुनवाई के बाद कहा कि सबूत खान के दावे के खिलाफ हैं. सरकार के वकील सभरवाल ने कहा कि, “कॉल डिटेल रिकॉर्ड, एक फोन टावर के माध्यम से ट्रैक की गई उनकी लोकेशन, विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी का एक बयान और अन्य सबूत, खान के दावे को ‘‘झूठा’’ साबित करते हैं. उन्होंने अदालत को बताया गया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है. FIR के 52 आरोपियों में से 42 को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक आरोपी नियमित जमानत पर है.अदालत को जांच एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ जुटाए गए सभी सबूतों से अवगत कराया गया.’’
– भारत एक्सप्रेस
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