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Rajendra Gudha: कैबिनेट से बर्खास्त, कांग्रेस से निष्कासित…राजेंद्र गुढ़ा कभी थे अशोक गहलोत के खास, अब कैसे आ गई दोनों नेताओं के बीच दरार?

Rajendra Gudha news: राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त, कांग्रेस से निष्कासित किए गए राजेंद्र गुढ़ा कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास हुआ करते थे. फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि गहलोत के संकटमोचक माने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजेंद्र गुढ़ा

Rajendra Gudha Vs Ashok Gehlot Govt: राजस्थान में झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र सिंह, जो गुढ़ा गांव के रहने वाले हैं. इस चुनावी साल में वो ट्रबल मेकर के रोल में आ गए हैं. वो ऐसे मंत्री रहे हैं, जो कांग्रेस सरकार के ट्रबल शूटर रहे थे, लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि उनको पहले राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया, फिर वो कांग्रेस पार्टी से भी निष्कासित कर दिए गए.

राजेंद्र गुढ़ा कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास हुआ करते थे, लेकिन अब वो गहलोत को फूटी आंख भी नहीं सुहा रहे. बीते रोज राजेंद्र गुढ़ा को मार्शल के ज़रिए सदन से बाहर करवा दिया गया. इसका कारण बताई जा रही है, एक लाल डायरी. जिसके बारे में कहा जाता है कि उसमें कई कांग्रेस नेताओं के राज छिपे हुए हैं. राजेंद्र गुढ़ा का दावा है कि इस डायरी में करोड़ों रुपयों के लेन-देन का भी ज़िक्र है.

Rajendra Singh Gudha

गहलोत सरकार में बैठे है अजमेर स्कैंडल के विलेन
राजेंद्र गुढ़ा कहते हैं कि अजमेर सेक्स स्कैंडल के विलेन गहलोत सरकार में बैठे हैं. उनका कहना है कि लाल डायरी में एक-एक मंत्री के लेन-देन का हिसाब है. साथ ही वो कहते हैं कि, मुझे सचिन पायलट की जरूरत नहीं है. बता दें कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा के नाम में जो गुढ़ा शब्‍द है, वो दरअसल उनके गांव का नाम है. राजेंद्र ने अपने नाम के साथ गांव का नाम भी जोड़ लिया और इस तरह उनका नाम ‘राजेंद्र गुढ़ा’ हो गया.

राजेंद्र सिंह ने बहुजन समाज पार्टी से भी लड़ा चुनाव
राजेंद्र सिंह गुढ़ा 2018 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे. गुढ़ा ने बाद में बसपा के सभी विधायकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. गुढ़ा समेत बसपा के 6 विधायक थे. अशोक गहलोत की जादूगरी से राजस्थान में बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय हो गया. साल 2008 में जब गुढ़ा बसपा के ही टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे, तब भी सभी विधायकों के साथ वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

Rajendra Singh Gudha

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इस तरह गहलोत से बढ़ी करीबी और फिर तल्‍खी
राजेंद्र सिंह गुढ़ा उन नेताओं में भी शामिल थे, जो 2020 में सचिन पायलट जब अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले गए थे, राजेंद्र गुढ़ा तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ डटकर खड़े थे. गुढ़ा को मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री गहलोत ने इसका इनाम भी दिया, लेकिन यहीं से दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में खटास की शुरुआत भी मानी जाती है. आज इन दोनों नेताओं के रिश्ते इतने तल्ख हो गए हैं कि गुढ़ा मंत्रिमंडल ही नहीं, कांग्रेस पार्टी से भी बाहर हो चुके हैं.

— भारत एक्सप्रेस



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