सुशील कुमार मोदी भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं
Politics On Ayodhya: अंग्रेजी नववर्ष 2024 का आज से शुभारंभ हो गया है. श्रीरामनगरी अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 22 दिन और हैं. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इस समारोह के लिए साधु-संतों समेत सियासी हस्तियों को आमंत्रण भेजा जा रहा है. इस बीच विपक्षी दलों के नेता सत्तापक्ष की आलोचना कर रहे हैं. सत्तापक्ष यानी भाजपा नेताओं ने भी विपक्षियों पर पलटवार शुरू कर दिया है.
भाजपा नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार की राजधानी पटना में अभी कहा, “ये जो INDI गठबंधन के लोग हैं..ये लगातार सनातन धर्म पर हमला कर हिंदुओं को अपमानित करने का काम कर रहे हैं. जो इनके मन में आता है वो हिंदू देवी-देवताओं के बारे में बोल देते हैं. आज जब देश के करोड़ों लोग राम मंदिर जाने की तैयारी कर रहे हैं, उस मंदिर को गुलामी का प्रतीक बताना, जबकि मंदिर इस देश में जो सांस्कृतिक गुलामी थी..उससे मुक्ति का प्रतीक है.”
लालू-राबड़ी के आवास के बाहर लगा आपत्तिजनक पोस्टर
बता दें कि सुशील मोदी का बयान आने से पहले बिहार में राजद सुप्रीमो लालू यादव के आवास के बाहर मंदिर की आलोचना वाला पोस्टर लगाया गया था. उस पोस्टर में लिखा गया, “मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग.”
#WATCH पटना: राजद नेता द्वारा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के कथन का हवाला देते हुए एक पोस्टर लगाया। pic.twitter.com/HSgvcvvNp8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2024
इस पोस्टर के बाद बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है. भाजपा राजद (RJD) पर हमला बोल रही है. बता दें कि पटना में राजद नेता द्वारा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले के कथन का हवाला देते हुए यह पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर एक तरफ लालू-राबड़ी की फोटो है तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की फोटो है. इसके अलावा सावत्री वाई फूले, महात्मा गांधी समेत कई क्रांतिकारियों की फोटो हैं.
— भारत एक्सप्रेस