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“बाली बाली था और दिल्ली दिल्ली”, रूस-युक्रेन युद्ध को लेकर इंडोनेशिया और भारत के घोषणापत्र की तुलना पर बोले एस जयशंकर

S. Jaishankar on G 20 Summit: जी20 नेताओं को घोषणापत्र में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया और सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का सामान्य आह्वान किया गया.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फोटो फाइल)

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फोटो फाइल)

G 20 Summit 2023: ‘भारत मंडपम’ में जी20 शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है और भारत ने इसके घोषणापत्र को 100 फीसदी आम सहमति के साथ पास करा दिया है. भारत ने समिट के पहले दिन ही घोषणापत्र को पारित कर दिया था. अब इसको सभी की सहमति से पास होने पर भारत की इसे बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. समिट में साझा घोषणापत्र पर सभी देशों की सहमति इसलिए खास थी, क्योंकि पिछले साल हुए इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन में रूस और युक्रेन युद्ध को लेकर सभी दलों की आम सहमति नहीं बन पायी थी. वहीं अब इसको लेकर इंडोनेशिया के बाली और भारत के घोषणापत्र की तुलना की जाने लगी. इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर ऐतराज जताते हुए अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

विदेश मंत्री ने बाली के घोषणपत्र और नई दिल्ली के घोषणा के बीच हो रही तुलना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ कर दिया कि उस रूस और युक्रेन युद्ध की स्थिति अलग थी और अब अलग है.

बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली

विदेश मंत्री एस जयशंकर जारी दिल्ली घोषणापत्र को लेकर एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि, “बाली घोषणा के साथ तुलना के संबंध में, मैं केवल यही कहूंगा कि बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है. मेरा मतलब है, बाली में एक साल पहले कार्यक्रम हुआ था, तब स्थिति अलग थी. तब से कई चीजें बदली हैं. घोषणापत्र में कुल मिलाकर आठ पैराग्राफ हैं, जिनमें से सात वास्तव में यूक्रेन मुद्दे पर केंद्रित हैं.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि किसी को इसके बारे में रूढ़िवादी विचार नहीं रखने चाहिए. नयी दिल्ली घोषणापत्र में वर्तमान स्थिति और चिंताओं का जवाब दिया गया है, ठीक उसी तरह जैसे एक साल पहले बाली घोषणापत्र में किया गया था.”

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घोषणापत्र में रूस के आक्रमण का जिक्र करने से परहेज

जी20 नेताओं को घोषणापत्र में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया और सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का सामान्य आह्वान किया गया, जिसे मोटे तौर पर संघर्ष को लेकर पश्चिमी देशों के रुख में नरमी के तौर पर देखा जा रहा है. भारत ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ सिलसिलेवार गहन वार्ताओं के माध्यम से विवादास्पद मुद्दे पर जी20 देशों के बीच एक अप्रत्याशित आम सहमति बनाने में कामयाब रहा.

– भारत एक्सप्रेस

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