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SCO Summit: आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक्शन जरूरी- आतंकवाद पर एकजुट हुए SCO के सभी सदस्य देश

SCO members: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सदस्य देशों से जीत-जीत सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.

SCO MEETING

2023 में भारत के एससीओ की अध्यक्षता की थीम 'सिक्योर-एससीओ' है.

SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य देशों ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से आतंकवाद की निंदा की. इसके साथ ही आतंकवाद को काबू में करने के लिए एक सुर में आवाज उठाई. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि भारत इस साल एससीओ के अध्यक्ष के रूप में एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा. शुक्रवार को एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक का समापन हुआ था.

इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अरमाने ने कहा कि “सभी सदस्य देश अपने बयान में एकमत थे कि आतंकवाद, चाहे किसी भी रूप में हो, उसकी निंदा की जाएगी और उस पर नियंत्रण किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि “अतिरिक्त-क्षेत्रीय आतंकवादी गतिविधियों, नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ आने वाले सालों में कार्रवाई की जाएगी.”

‘रक्षा मंत्रियों की परिषद की बैठक को बताया ‘सफल’

एससीओ में शामिल सभी देशों के रक्षा मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक 27 अप्रैल को शुरू हुई थी और इसमें सभी सदस्य देशों – मेजबान भारत, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. एससीओ के रक्षा मंत्रियों की परिषद की बैठक को ‘सफल’ बताते हुए अरमाने ने कहा, ‘हम सौभाग्यशाली हैं कि आज सभी रक्षा मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त विज्ञप्ति और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए हैं.’

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आतंकवाद को खत्म करने की सही कदम उठाने किया आह्वान

इससे पहले, शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर प्रावधानों के आधार पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में विश्वास रखता है. इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने सभी सदस्य देशों से जीत सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.” उन्होंने एससीओ सदस्य देशों से सामूहिक रूप से आतंकवाद को उसके सभी रूपों को खत्म करने की दिशा में काम करने और ऐसी गतिविधियों में सहायता या धन देने वालों पर जवाबदेही तय कर सामूहिक कार्रवाई करने का बात कही है.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित सरकारी संगठन है. सदस्य देशों के अलावा, दो पर्यवेक्षक देशों – बेलारूस और ईरान ने भी एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लिया.

– भारत एक्सप्रेस

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