मुख्तार अंसारी (फोटो फाइल)
Mukhtar Ansari: बाहुबली मुख्तार अंसारी के साथ ही उसके विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साला आतिफ रजा की मनी लांड्रिंग के आरोपों को खत्म करने की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सीबीआई के विशेष जज अनुरोध मिश्र ने अभियुक्त मुख्तार अंसारी पर आरोप तय करने के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की है.
ED ने मुख्तार अंसारी,अब्बास और आतिफ के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के केस में चार्जशीट दाखिल की है, आरोप है कि आरोपितों ने विकास कंस्ट्रक्शन के जरिए सरकारी जमीन हड़पकर अवैध तरीके से गोदाम बनाया, फिर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर FCI को किराए पर देकर 15 करोड़ 31 लाख से अधिक किराया जुटाया था, इतना ही नहीं अवैध निर्माण पर नाबार्ड से सवा दो करोड़ की सब्सिडी लेने के बाद कंपनी के लिए बैंक से 8 करोड़ 76 लाख रुपए का लोन भी लिया था, आरोपियों पर अन्य के साथ मिलकर विकास कंस्ट्रक्शन के जरिए काले धन को सफेद करने का आरोप है.
मुख्तार के वकील ने पक्ष रखते हुए कहा कि विकास कंस्ट्रक्शन और उसके जरिए हुए लेन-देन का उनसे कोई सौदा नही था, यह भी दावा किया गया कि ED यह साबित नहीं कर पाई कि मुख्तार को विकास कंस्ट्रक्शन से कोई प्रॉफिट हुआ है. हालांकि कोर्ट में दलीलों को खारिज करते हुए ED द्वारा लगाए गए आरोपी को सही माना है.
मुख्तार अंसारी को अदालत में पेश होने का आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन प्रपत्रों के परिशीलन से अभियुक्त पर आरोप तय करने का पर्याप्त आधार है, नियत तारीख पर मुख्तार अंसारी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है, पूर्व में इस मामले की सुनवाई प्रयागराज में ईडी की विशेष अदालत में हो रही थी, 14 दिसंबर को प्रयागराज की विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में मुख्तार अंसारी को ईडी की कस्टडी रिमांड में भेजा था. ईडी ने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध दर्ज पुलिस की कई एफआईआर (FIR) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले की शिकायत दर्ज कर जांच की थी,इस मामले में मुख्तार अंसारी का विधायक पुत्र अब्बास अंसारी भी न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है.
हालांकि कोर्ट ने दलीलों को खारिज करते हुए ED द्वारा लगाया गया आरोपी को सही माना है, ED के लोग अभियोजक ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा के समझ पक्ष रखते हुए बताया कि मुख्तार अंसारी ने विकास कंस्ट्रक्शन को दहशत के बल पर पत्नी अशफ़ा अंसारी,साले आतिफ रजा व अन्य भागीदार बनाया था, इस मामले में गाजीपुर में फिर भी FIR दर्ज है. लखनऊ के हजरतगंज और मऊ में भी केस दर्ज है, ED की दलील पर विशेष न्यायाधीश ने मुख्तार,अब्बास और आतिफ की अर्जियों को खारिज कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी.