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UP: किसान को सिंचाई करते समय मिली मां लक्ष्मी की 20 इंच की प्राचीन मूर्ति, देखने के लिए उमड़ी भीड़

Mau: यह पूरा मामला घोसी के मुहल्ला बड़ागांव क्षेत्र का है. जब किसान को यह मूर्ति मिली तो उसने सबसे पहले मूर्ति को पानी से धोकर साफ किया. इसके बाद उस प्रतिमा में चमक पैदा हो गई

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मऊ में मिली मां लक्ष्मी की प्रचीन मूर्ति

UP News: अक्सर खुदाई के दौरान कभी-कभी सोना चांदी या प्राचीन मूर्तियां मजदूरों या किसानों को मिल जाती है. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से सामने आया है. जब एक किसान को खेत की सिंचाई के दौरान लक्ष्मी माता की प्राचीन प्रतिमा मिल गई. इसके बाद नगर क्षेत्र में हड़कंप मच गया. इसके बाद पुलिस को इस बात की सूचना दे दी गई. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने अति प्राचीन लक्ष्मी प्रतिमा को थाने में बने मंदिर में रखवा दिया और जांच में जुट गई .

बता दें कि बड़ागांव निवासी रोहित कुमार ट्यूबेल से पानी चलाकर खेत की सिंचाई देर रात कर रहे थे. तभी पानी का बहाव कम होने पर फावड़े से मिट्टी खोदने लगे. इसी दौरान फावड़ा किसी वस्तु से टकरा गया. जिसके बाद मिट्टी से वस्तु को बाहर निकाला तो प्राचीन लक्ष्मी की प्रतिमा निकली. फिलहाल स्थानीय लोगो मे खुशी माहौल है.

प्रतिमा को घर लेकर चला गया था किसान

यह पूरा मामला घोसी के मुहल्ला बड़ागांव क्षेत्र का है. जब किसान को यह मूर्ति मिली तो उसने सबसे पहले मूर्ति को पानी से धोकर साफ किया. इसके बाद उस प्रतिमा में चमक पैदा हो गई. वह किसान इसके बाद लक्ष्मी जी की प्रचीर मूर्ति को अपने घर ले गया. हालांकि इससे पहले उस मूर्ति को देखने के लिए काफी भीड़ जमा हो गई थी. लोग मूर्ति के दर्शन करने के लिए वहां पहुंच रहे थे. किसान ने मूर्ति को घर ले जाकर पूजा पाठ करना शुरू कर दिया. लोगों ने भी उसके घर पहुंच कर मूर्ति के दर्शन शुरू कर दिए. लेकिन कुछ लोगों मूर्ति की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी.

20 इंच ऊंची और करीब तीन किलो वजनी है मूर्ति

इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई और किसान से वापस उस मूर्ति को लेकर सम्मानपूर्वक थाने में रखवा दिया और जांच शुरू कर दी. एक पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पीली धातु की मूर्ति 20 इंच ऊंची और करीब तीन किलो वजनी है. मूर्ति पीतल और अष्टधातु के मिश्रण से बनी प्रतीत हो रही है. मूर्ति की आयु का पता बीएचयू के पुरातत्व विभाग से चलेगा. पुलिस पुरातत्व विभाग से संपर्क करेगी. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अभी किसी ने इस मूर्ति पर अपना दावा नहीं किया है. मूर्ति को थाने के मंदिर में स्थापिथ कर दिया गया है.

– भारत एक्सप्रेस

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