उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (फाइल)
UP News: उत्तर प्रदेश में एक एसडीएम ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ही कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी कर दिया है. जैसे ही खबर सामने आई, तभी इसकी काफी ज्यादा चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर एसडीएम के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वहीं आनंदीबेन पटेल को समन मिलने पर राज्यपाल सचिवालय ने सख्त जवाब दिया है. सचिवालय की तरफ से जवाब में कहा गया कि इस तरह से राज्यपाल को समन जारी नहीं किया जा सकता है. इतना ही नहीं सचिवालय ने इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए बदायूं के डीएम को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल सचिवालय ने इस मामले में एक डीएम को एक पत्र लिखा है. सचिव ने इस पत्र लिखा कि, “संविधान के अनुच्छेद 361 के मुताबिक, संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है. फिर भी एसडीएम ने विधि-व्यवस्थाओं को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल के नाम समन जारी कर 18 अक्टूबर को SDM कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दे दिया.”
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह पूरा मामला एक जमीन के मुआवजे से जुड़ा हुआ है. गांव लोड़ा बहेड़ी के चंद्रहास की तरफ से एसडीएम कोर्ट में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस मामले में लेखराज पीडब्ल्यूडी अधिकारी और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना पक्षकार बनाया था. जब इस मामले की सुनवाई हुई तो पक्षकारों को पेश होने के लिए समन जारी किया था. इसी के चलते राज्यपाल को भी समन जारी किया गया था. जब इसकी सूचना राज्यपाल के सचिव बद्री नाथ सिंह को मिली तो उन्होंने डीएम को कार्रावई के आदेश दे दिया.
बद्री सिंह ने डीएम बदायूं से मामले में उचित कार्रवाई करने को कहा है साथ ही यह भी कहा गया है कि भविष्य में इस तरह का कोई भी मामला दोहराया नहीं जाना चाहिए.
– भारत एक्सप्रेस
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