टनल हादसे को लेकर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
Uttarkashi Tunnel Update: सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों का मामला अब नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच चुका है. कोर्ट ने टनल के अंदर फंसे मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले को गंभीरता से लेने और केंद्र सरकार को 48 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई दो दिन बाद यानी की 22 नवंबर को होगी.
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि मजदूरों के परिजनों से समन्वय बनाने के लिए उत्तरकाशी से तीन अफसर भेजे जाएं. इसके अलावा यह भी कहा कि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने वाले परिजनों का खर्चा सरकार उठाएगी.
हाईकोर्ट की दखल के बाद राज्य सरकार की नींद खुली और परिजनों के रहने का इंतजाम किया है. इससे पहले टनल के अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों के लिए रुकने तक का इंतजाम नहीं किया गया था.
मजदूरों की जान से खिलवाड़
जनहित याचिका दायर करने वाले एनजीओ कृष्णा विहार ने पीआईएल में कहा कि पिछले 12 नवंबर से 41 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हैं, लेकिन सरकार अभी तक उन्हें बाहर निकालने में असफल साबित हुई है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्हें बाहर निकालने के लिए रोज-रोज नए जुगाड़ खोजे जा रहे हैं. इसके चलते उनकी जान भी खतरे में पड़ गई है. उन सभी पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए.
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एसआईटी से जांच कराने की मांग
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने इस पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने की मांग की. साथ ही कहा कि टनल के निर्माण के समय इस क्षेत्र की भूगर्भीय जांच ठीक से नहीं की गई. जिसके चलते मजदूरों की जान चली गई. याचिका में कहा गया है कि टनल में फिर काम शुरू होने से पहले मजदूरों को सभी जरुरी सामान मुहैया कराया जाए. जैसे रेस्क्यू पाइप, जनरेटर, मशीन अन्य सामान.जब