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PM Modi In Dwarka: जहां जलमग्न हुई थी द्वारका नगरी, PM मोदी ने समंदर में उसी जगह लगाई डुबकी, मोर-पंख लेकर की प्रार्थना VIDEO

PM Modi In Dwarka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज समुद्र में पानी के अंदर उस स्थान पर गए, जहां हजारों साल पहले द्वारका नगरी जलमग्न हुई थी. पीएम ने खुद शेयर किया वीडियो —

PM Modi visit Dwarka Sea

समुद्र में कृष्णनगरी द्वारका निहारने गए पीएम मोदी.

Narendra Modi Visit Dwarka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह पिछले महीने लक्षद्वीप की यात्रा करके दुनिया का ध्यान लक्षद्वीप समूह की ओर खींचा था, उसी तरह अब उन्होंने समंदर में जलमग्न द्वारका नगरी का दौरा किया है. द्वारका नगरी द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने बसाई थी, बाद में यह श्रापवश समंदर में डूब गई थी.

पीएम मोदी ने आज इसी द्वारका नगरी के दर्शन किए. इसके लिए मोदी समुद्र में पानी के अंदर उस स्थान पर गए, जहां हजारों साल पहले द्वारका नगरी जलमग्न हुई थी. वहां पीएम मोदी मोर-पंखों को साथ ले गए. उन्होंने वहां भगवान से प्रार्थना की.

Narendra Modi Visit Dwarka

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पीएम मोदी के समुद्र में डुबकी लगाते हुए कई तस्वीरें सामने आई हैं. आप यहां वीडियो में देख सकते हैं कि कि पीएम मोदी ने वहां क्या कुछ किया. बता दें कि रविवार, 25 फरवरी को अपनी गुजरात यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेट द्वारका में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया.

Narendra Modi Visit Dwarka

फोटो— पीएम मोदी आज जलमग्न द्वारका नगरी तक भी गए और विशेष उपकरण पहनकर गहरे पानी में गोता लगाया.

करीब 5 हजार साल पहले डूबी थी द्वारका नगरी

ऐतिहासिक दस्‍तावेजों और वैज्ञानिक सर्वेक्षणों से पता चलता है कि पश्चिम में भारत भूमि से लगा समुद्र, जिसे अब अरब सागर कहते हैं..वहां कभी एक भव्‍य नगरी थी. धर्मग्रंथों के अनुसार, अब से करीब 5 हजार साल पहले द्वापर युग के अंत में द्वारका नगरी समंदर में डूब गई थी और इसके अवशेष आज भी अरब सागर में मौजूद हैं. कहा जाता है कि समुद्र के बीच बसाई गई इस नगरी में कई विशाल द्वार थे और इसीलिए इसका नाम द्वारका रखा गया था.

Lord Krishna Dwarka city 1

खोजबीन में मिले थे यहां हजारों साल पुराने साक्ष्‍य

गुजरात के मौजूदा द्वारका शहर में 1960 में एक आवास को ढहाने के दौरान मंदिर का शिखर पाया गया था. अब तक वहां से भगवान विष्णु के मंदिर के अवशेषों के साथ कई प्राचीन चीजें बरामद की जा चुकी हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डॉ. शिकारीपुर रंगनाथ राव ने यहां शोध करने का फैसला किया था.

Lord Krishna Dwarka city 1

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1989 में खोजकर्ताओं को मिट्टी के बर्तन मिले थे

1989 में समंदर के अंदर खोजबीन के दौरान खोजकर्ताओं को कई ऐसी संरचनाएं मिलीं, जिनसे लगता है कि यहां कोई नगर डूबा होगा. समंदर से कई आयताकार बड़े-बड़े पत्थर पाए गए; कुछ अर्द्धचंद्राकार पत्थर भी मिले. विशेषज्ञों का कहना था कि ये सारे पत्थर इंसानों द्वारा तराशे गए थे. दीवारों के अवशेष पाए गए, जिससे काफी मात्रा में चूना पत्थऱ मिला. ऐसा लगता था कि उसका उपयोग कुछ बनाने में किया गया होगा. यही नहीं, खोजबीन से मिट्टी के बर्तन और सिक्के भी मिले थे.

Lord Krishna Dwarka city

समंदर के अंदर पत्‍थरों की प्राचीन आकृतियां मिलीं

2007 में समंदर के अंदर फिर से खोज की गई, तो समुद्र की गहराई में पत्‍थरों की प्राचीन आकृतियां मिलीं. एक पुरातत्ववेत्ता ने बताया कि समंदर के अंदर से जो चीजें मिली थीं वे करीब 2000 ईसा पूर्व की थीं. भारतीय पुरातत्व विभाग के एडीजी रहे डॉक्टर आलोक त्रिपाठी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि खोज के दौरान उन्‍हें कई कलाकृतियां मिली थीं. 2007 में हाइड्रोग्राफिक सर्वे भी किया गया था.

Lord Krishna Dwarka city

सनातन धर्म के श्रीमद्भागवत महापुराण में श्रीकृष्ण के प्राकट्य से लेकर उनके गोलोक-गमन तक की कथा है. इसमें द्वारका नगरी का भी वर्णन है. महाभारत ग्रंथ में द्वारका के बारे में विस्तार से उल्‍लेख किया गया है. महाभारत में कहा गया है कि युद्ध के बाद कौरवों की माता गांधारी ने श्रीकृष्ण के वंश के सर्वनाश होने का शाप दे दिया था. शापवश पूरा यदुवंश आपस में लड़-झगड़कर खत्म हो गया और द्वारका नगरी भी समंदर में डूब गई.

— भारत एक्सप्रेस

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